नाबालिग का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी को 10 वर्ष तथा सहयोगी आरोपी को 04 का सश्रम कारावास

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नीमच से इकबाल हुसैन की रिपोर्ट

नीमच: प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार धाकड मनासा जिला-नीमच द्वारा एक अवयस्क का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी मोतीलाल पिता मोहनलाल भील को भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 363,366,344,506(2) व पाॅक्सो एक्ट की धारा 5/6 के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास व कुल 26 सौ रूपए जुर्माने तथा उसका अपराध में सहयोग करने वाले आरोपी देवीलाल पिता उदाजी भील को भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 363, 366,344,506(2) के अंतर्गत 04 वर्ष के सश्रम कारावास व कुल 18 सौ रूपए जुर्माने से दण्डित किया।

विशेष लोक अभियोजक जगदीश चौहान ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना 3 वर्ष पूर्व थाना कुकडेश्वर क्षैत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम टामोटी की हैं।जहां 15 वर्षीय पीडिता तलाई पर हाथ – मुंह धोने के लिए गई थी जहां आरोपी मोतीलाल व उसका दोस्त देवीलाल ने पीडिता को जान से मारने व बदनाम करने की धमकी देकर जबरन दोनों के बीच मोटरसाईकल पर बिठाकर उसका अपहरण कर आरोपी मोतीलाल पीडिता को उसके घर पर ले गया। मामले में
पीडिता के भाई ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाना कुकडेश्वर में की।आरोपी मोतीलाल द्वारा लगभग 01 माह तक पीडिता को घर पर जबरन रखते हुए तथा उसका रोज रात को बलात्कार किया,इस अपराध में आरोपी देवीलाल ने बलात्कारी का सहयोग किया।

दिनांक 11.सितम्बर.2019 को पीडिता को पुलिस कुकडेश्वर द्वारा दस्तयाब किया गया,तब पीडिता द्वारा उसके साथ हुई घटना के संबंध में बताये जाने पर आरोपीयों के विरूद्ध पुलिस थाना कुकडेश्वर में अपराध क्रमांक 171/19, धारा 363, 366, 376, 344, 506 भारतीय दण्ड संहिता,1860 व धारा 5/6 पाॅक्सों एक्ट, 2012 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई।विवेचना के दौरान आरोपीयों को गिरफ्तार कर,पीडिता के उम्र के संबंध में आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य एकत्रित करके अन्य आवश्यक अनुसंधान पूर्णकर अभियोग-पत्र मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष पीडिता सहित सभी महत्वपूर्ण साक्षीगण के बयान कराकर आरोपी मोतीलाल द्वारा नाबालिग पीडिता का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किए जाने के अपराध को तथा आरोपी देवीलाल द्वारा इस अपराध में सहयोग किये जाने के अपराध को प्रमाणित करवाया गया। मामले में अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य व तर्को से सहमत होकर न्यायालय द्वारा आरोपी मोतीलाल को धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता,1860 के अंतर्गत 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 500रू जुर्माना,धारा 366 भारतीय दण्ड संहिता,1860 के अंतर्गत 4 वर्ष के सश्रम कारावास व 7 सौ रूपए जुर्माना,धारा 344 भारतीय दण्ड संहिता,1860 में 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 3 सौ रूपए जुर्माना,धारा 506(2) भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 01 वर्ष का सश्रम कारावास व 3 सौ रूपए जुर्माना तथा धारा 5/6 पाॅक्सों एक्ट, 2012 के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 8 सौ रुपए जुर्माने से दण्डित किया। इसी प्रकार आरोपी देवीलाल को धारा 363 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 5 सौ रुपए जुर्माना,धारा 366 भारतीय दण्ड संहिता,1860 के अंतर्गत 4 वर्ष के सश्रम कारावास व 7 सौ रूपए जुर्माना,धारा 344 भारतीय दण्ड संहिता,1860 में 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 3 सौ रूपए जुर्माना व धारा 506(2) भारतीय दण्ड संहिता,1860 में 01 वर्ष का सश्रम कारावास व 3 सौ रूपए जुर्माने से दण्डित किया।दोनों आरोपीयों को सभी सजाएं साथ-साथ भुगताए जाने का आदेश भी पारित किया।इसी प्रकार जुर्माने की कुल राशि 44 सौ रूपए में से 35 सौ रूपए पीडिता को प्रतिकर के रूप में प्रदान किए जाने का आदेश भी पारित किया गया।