10th August World Lion Day: शेरों के संरक्षण की चुनौती और नई उम्मीदें 

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10th August World Lion Day

10th August World Lion Day: शेरों के संरक्षण की चुनौती और नई उम्मीदें

– राजेश जयंत की खास रिपोर्ट

हर साल 10 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व शेर दिवस शेरों की घटती आबादी और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने वाला दिन है। इस दिन 2013 से विश्वभर में संरक्षण कार्यों को मजबूत करने और शेरों के महत्व को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। आज 2025 में शेरों की संख्या 30,000 से भी कम हो चुकी है, इसलिए उनकी रक्षा और संरक्षण पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है।

*शेरों का महत्त्व और वर्तमान स्थिति:*

पहले शेर अफ्रीका, एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व में स्वतंत्र रूप से घूमते थे। आज केवल अफ्रीका के कुछ हिस्सों और भारत के गिर राष्ट्रीय उद्यान जैसे सीमित क्षेत्रों में ही उनका आवास बचा है। अन्तर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने शेरों को ‘संवेदनशील प्रजाति’ के रूप में वर्गीकृत किया है। इनके संरक्षण में ख़ास दिक्कतें हैं जैसे अवैध शिकार और प्राकृतिक आवास का लगातार विनाश।

10th August World Lion Day
10th August World Lion Day

*संरक्षण के मुख्य अभियान:*
-शेर संरक्षित क्षेत्र निर्माण: भारत, केन्या, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में संरक्षित पार्क और अभयारण्य बनाए गए हैं जहां शेर सुरक्षित रहते हैं।
-मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकना: स्थानीय समुदायों का संरक्षण में सहयोग बढ़ाने तथा नुकसान की भरपाई योजनाओं के माध्यम से संघर्ष कम किया जा रहा है।

-अवैध शिकार और तस्करी रोकथाम: कड़े कानून लागू कर और गोपनीय सूचना तंत्र भरस्त करने के प्रयास हो रहे हैं।
-जागरूकता और शिक्षा: विश्व शेर दिवस पर स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं।

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2025 का विशेष फोकस:
इस वर्ष की थीम ‘आवास संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी’ पर केंद्रित है। संरक्षण को सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगों को जोड़ना और उनकी आजीविका सुनिश्चित करना जरूरी माना जा रहा है। तकनीक का इस्तेमाल, जैसे सीसीटीवी, ड्रोन से निगरानी भी बढ़ाई गई है।

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“मुख्य बातें-
1- विश्व में शेरों की संख्या संकटाग्रस्त और घटती जा रही।
2- प्राकृतिक आवास का क्षरण संरक्षण की सबसे बड़ी चुनौती।
3- मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण खतरा बढ़ा।
4- तकनीकी और सामुदायिक भागीदारी से संरक्षण में सकारात्मक प्रभाव।

5-सरकारें, NGO और स्थानीय लोग मिलकर समाधान निकाल रहे।
शेर ना केवल जंगल के राजा हैं, बल्कि वे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के भी एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। विश्व शेर दिवस 2025 हमें याद दिलाता है कि उनके संरक्षण में हमारी भागीदारी कितनी आवश्यक है। अगर हम आज सजग और संगठित होकर काम करें तो शेरों के गर्जन को आने वाली नस्लें भी सुन सकेंगी।

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