
आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे MP के 117 रैन बसेरे, 20 योजनाओं से जुड़ेंगे रुकने वाले
भोपाल: इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय और बड़े शहरों में बने 117 आश्रय स्थलों को राज्य सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने जा रही है। इनका संचालन अब राज्य सरकार खुद के बजट से करेगी और यहां रुकने वालों को राज्य और केन्द्र सरकार की बीस प्रमुख योजनाओं का लाभ उनकी पात्रता और योग्यता के अनुसार दिया जाएगा। ये सभी रैन बसेरे सीसीटीवी से लैस होंगे और इनकी निगरानी राज्य स्तर पर लाईव की जाएगी।
केन्द्र सरकार प्रदेश के गरीबों अल्पआयवर्ग के हितग्राहियों को शहरों में मुफ्त रुकने के लिए आश्रय स्थल बनाने और उनके संचालन के लिए फंड देती है। लेकिन यह फंड आश्रय स्थल शुरु होंने के केवल पांच वर्ष के लिए दिया जाता है। मध्यप्रदेश में इस समय 117 आश्रय स्थल संचालित हो रहे है। अधिकांश आश्रय स्थलों को शुरु हुए पांच साल की अवधि समाप्त हो चुकी है या होंने वाली है। ऐसे में इनके आगे संचालन के लिए केन्द्र से फंड मिलना बंद हो गया है। इसलिए नगरीय विकास एवं आवास अब राज्य के खर्च से इनका संचालन-संधारण करेगा। इसके लिए विभाग राज्य शासन से नौ करोड़ का सालाना फंड लेकर इनका संचालन करेगा।
आश्रय स्थलों में आने वालों को यहां मुफ्त में रुकने की सुविधा होगी। गद्दे, चादर, तकिया, सुलभ शौचालय, पेयजल के साथ ही गर्मी में कूलर, ठंड में कंबल, अलाव, रुम हीटर की सुविधा का लाभ मुफ्त में यहां रुकने वालो को दिया जाता है। अब नगरीय आवास एवं विकास विभाग प्रदेशभर के आश्रय स्थलों में ठहरने वालों का डेटा बेस तैयार करेगा। हर आश्रय स्थल में राज्य और केन्द्र सरकार की बीस योजनाओं की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। आश्रय स्थल में रुकने वाले व्यक्ति का पुलिस वेरीफिकेशन कराने के बाद उन्हें पात्रतानुसार इन बीस योजनाओं का लाभ दिलाने की कवायद विभाग का अमला करेगा। जिनके मतदाता परिचय पत्र नहीं है उन्हें मतदाता परिचय पत्र बनवाए जाएंगे। उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार उनके कौशल विकास, प्रशिक्षण और रोजगार, स्वरोजगार दिलाने की दिशा में भी काम किया जाएगा। जिनके पास आवास नहीं है उन्हें पीएम आवास योजना का लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। कौशल उन्नयन विभाग के साथ उनकी रुचि कि अनुसार उनके कौशल उन्नयन की दिशा में काम किया जाएगा। उन्हें बैंको से ऋण दिलवाकर स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा।
सीसीटीवी से आनलाईन निगरानी-हर आश्रय स्थल को सीसीटीवी से लैस किया जाएगा। वाईफाई और कम्प्यूटर-टेबलेट यहां रखे जाएंगे। इनके जरिए इन्हें एक सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। आॅनलाईन प्रत्येक आश्रय स्थल की निगरानी की जाएगी। किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि होंने पर तत्काल पुलिस और प्रशासन की मदद से उसे रोका जाएगा। यहां आने वाले ऐसे लोग जिनके खुद के घर नहीं है। कोई रोजगार नहीं है। उन्हें किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है तो उनकी पूरी जानकारी लेकर उन्हें बीस शासकीय योजनाओं में उनकी पात्रता के अनुसार जोड़कर उन योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।J





