सम्मोहन कर उड़ाए 12 हजार रुपए, ठगी करके निकलते हुए बाबा का वीडियो आया सामने..
राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: छतरपुर जिले के बिजावर में एक अजीब वाकया सामने आया । यहां पर भगवा वस्त्र में आए एक शख्स ने दो व्यापारियों को सम्मोहित कर करीब 12 हजार रुपए उड़ा दिए। इससे भी ज्यादा आश्चर्य इस बात का है कि करीब 15 मिनट बाद ही यह शख्स लोगों को ढूंढने से भी नहीं मिला।
जानकारी के मुताबिक पुरानी नगर पंचायत से भोलागिर मंदिर मार्ग पर भाजपा नेता रामेश्वर चौदा की कपड़े की प्रसिद्ध दुकान है। यहां पर दोपहर में करीब 1 बजे भगवा वस्त्र पहने साधु बाबा वेश में एक व्यक्ति आया और दीक्षा मांगी इस पर उन्हें कुछ रुपए दिए गए। जिस पर बाबा ने कहा कि वह धन नहीं लेते जलपान करेंगे। इस पर व्यापारी ने कहा कि आसपास जलपान की दुकान नहीं है। आप यह पैसे रख लो और रास्ते में जलपान कर लेना। इस पर बाबा पैसे लेकर आगे चले गए।
कुछ ही दूरी पर परमानंद मिश्रा की बर्तन की दुकान है। जहां वह अपने पुत्र राजेंद्र मिश्रा के साथ बैठे हुए थे। वह बाबा यही पहुंचे और यहीं पर उनकी मुलाकात रामेश्वर चौदा के पुत्र पार्षद विजय चौदा से हो गई। विजय ने उनसे पूछा कि आपका आगमन कहां से हुआ है। तब बाबा ने बताया कि वह हरिद्वार से निकले हैं और उनके गुरु ने उनको भारत भ्रमण करने के पश्चात ही संत की उपाधि देने की बात कही है। इसलिए वह अपने अन्य साथियों के साथ जो छतरपुर में है, भारत भ्रमण पर निकले हैं।
इसी दौरान बाबा ने राजेंद्र मिश्रा से एक ₹10 का नोट मांगा और उसी की हथेली पर रख दिया और अपने पास से गेहूं के 2 दाने निकाल कर उसी दस के नोट पर रखकर राजेंद्र मिश्रा से हथेली बंद करवा दी और आंख बंद कर कुछ मंत्र पढ़ा। हथेली खोलने पर वह नोट रुद्राक्ष में बदल गया। ऐसा देख कर यह लोग काफी प्रभावित हुए। इसी प्रकार का क्रम बाबा ने विजय चौदा के साथ भी किया।
देखिये वीडियो-
इसके बाद बाबा राजेंद्र मिश्रा को उसी की दुकान में अंदर ले गए और कहा कि तुम्हारे पास जो धन है वह निकालो। इस पर राजेंद्र ने अपनी जेब में पड़े करीब एक हजार रुपए निकाले। इस पर बाबा ने कहा कि इस नोट को फाड़ दूं, तब तक सम्मोहित हो चुके राजेंद्र ने कहा कि जैसा आप करना चाहे। इस पर बाबा ने दोबारा कहा कि इस को खा जाऊं, इस पर भी राजेंद्र के मुंह से निकला जैसा आप करना चाहे। फिर बाबा ने कहा कि इस धन को भंडारे में लगा दूं। इस पर राजेंद्र ने कहा कि जैसा आप करना चाहे। तब बाबा ने ₹1 अपने पास रख लिए। दुकान के अंदर यह सब चल रहा था लेकिन राजेंद्र के पिता और विजय को इस सब का एहसास ही नहीं हुआ।
इसके बाद विजय वापस अपनी दुकान पर जाने लगे तो पीछे-पीछे आए बाबा भी विजय की दुकान पर पहुंच गए और विजय को भी दुकान के अंदर की ओर ले गए। यहां पर बाबा ने विजय को भी ऐसे ही सम्मोहित कर उससे उसकी जेब में रखे करीब 11500 रुपए निकलवाए। और विजय से भी कहा कि यह नोट फाड़ दूं इस पर विजय ने कहा कि जैसा आप करना चाहे। बाबा ने दोहराया कि नोट खा जाऊं। इस पर विजय ने कहा जैसा आप करना चाहे। तब बाबा ने कहा कि इस को भंडारे में लगा दूं। इस पर विजय ने कहा जैसा आप करना चाहे। इस पर बाबा ने रुपए अपने पास रख लिए और विजय से कहा की गद्दी पर बैठ जाओ।
पूरी तरह सम्मोहित हो चुके विजय गद्दी पर बैठ गए और बाबा बाहर बैठे उसके पिताजी को आशीर्वाद देते हुए वहां से चले गए। अंदर हुए इस घटनाक्रम के बारे में बाहर बैठे रामस्वरूप चौदा को आभास तक नहीं हो सका। कुछ देर बाद चैतन्य हुए विजय को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ तभी राजेंद्र मिश्रा को भी अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद आनन-फानन में लोग बाबा को ढूंढने वाहनों से निकले । पुलिस को भी सूचना दी गई। पुलिस भी बाबा को तलाशती रही।
विजय ने बताया कि केवल 15 मिनट के अंदर ही बाबा कहां गायब हो गए पता ही नहीं चला। जबकि वह पैदल थे। उक्त बाबा को गल्ला मंडी, मोहनगंज, बस स्टैंड, बसों में, जेल रोड,बाजना रोड, नयाताल रोड, छतरपुर रोड, गुलगंज रोड सभी जगह तलाश किया गया। लेकिन वह नहीं मिले। इसके पहले बाबा देश धारण किए हुए इस व्यक्ति को सुबह छतरपुर रोड से पैदल आते हुए देखे जाने की खबर मिली है।