150 Babies Born on Auspicious Day : शुभ दिन शहर में 150 से अधिक शिशुओं का जन्म!
Indore : अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर सोमवार को शाह के सरकारी और निजी अस्पतालों में 150 से अधिक शिशुओं का जन्म हुआ। इसमें 10 से 15 शिशुओं का जन्म दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हुआ। ये वही शुभ अवधि थी, जब अयोध्या में रामलला की मूर्ति का अभिषेक हुआ।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, सरकारी अस्पतालों में 90 से अधिक प्रसव हुए, जबकि निजी अस्पतालों में 50-60 से अधिक प्रसव हुए हैं। जो जिले में होने वाले प्रसवों की संख्या से थोड़ा अधिक है। क्योंकि इस दिन के लिए कई गर्भवती महिलाओं ने डॉक्टरों से अनुरोध किया था। जिसके बाद उनकी डिलीवरी की योजना बनाई गई। एमटीएच अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुमित्रा यादव ने बताया कि सुबह 12 बजे से रात 8 बजे तक हमारे अस्पताल में 49 प्रसव हुए। 31 शिशुओं का जन्म सामान्य प्रसव से हुआ, जबकि 18 का प्रसव ऑपरेशन से हुआ। 24 लड़कियों और 26 लड़कों का जन्म हुआ।
दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच चार बच्चों का जन्म हुआ, जबकि एक महिला ने जुड़वां लड़कों को भी जन्म दिया। सभी शिशु सामान्य हैं। इसी तरह सरकारी पीसी सेठी अस्पताल के रिकॉर्ड से पता चला है कि यहां 25 शिशुओं का जन्म हुआ, जिनमें से 21 सामान्य प्रसव से, जबकि चार का जन्म सिजेरियन हुआ। सोमवार को जन्मे एक बच्चे के पिता लोकेश ने बताया कि मैं 22 जनवरी को बच्चे को जन्म देने के लिए अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के संपर्क में था, लेकिन बताया गया कि इसकी अवधि पूरी नहीं हुई है। हालांकि, पत्नी को सुबह करीब 11 बजे दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद ऑपरेशन किया गया। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ है।
बच्चों का नाम रखा ‘राम’
डॉ यादव ने बताया कि नवजात लड़को के माता-पिता ने अपने बच्चे का नाम ‘राम’ रखा है। जिन महिलाओं ने लड़के को जन्म दिया उनमें से अधिकांश ने हमें बताया कि वे अपने बच्चे का नाम राम रखेंगी। राशि के बावजूद उनका नाम जो भी हो, उन्होंने उन्हें राम कहने का फैसला किया है।
किस अस्पताल में कितने शिशु जन्में
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के एमटीएच अस्पताल की प्रभारी डॉ सुमित्रा यादव के मुताबिक, सोमवार को करीब 50 डिलीवरी हुई। पीसी सेठी अस्पताल के प्रभारी डॉ वीरेंद्र राजगीर ने बताया कि अस्पताल में 30 से ज्यादा डिलीवरी की जानकारी है। बाणगंगा महिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में भी करीब 20 से ज्यादा महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया। सिजेरियन उन्हीं महिलाओं के हुए, जिनकी गर्भावस्था का समय पूरा हो गया था।