16 Patwaris Sacked : किसानों की मुआवजा राशि का गबन करने वाले 16 पटवारी बर्खास्त!
Dewas: कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने जिले के 16 पटवारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इन सभी ने किसानों के मुआवजे में गड़बड़ी कर मुआवजे की राशि अपने रिश्तेदारों और परिवारों के खाते में ट्रांसफर करवा दी। मामले की जांच में दोषी पाए जाने के बाद सभी को बर्खास्त कर दिया गया।
प्रदेश में पटवारियों के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई है। मुआवजा घोटाले में देवास जिला प्रशासन ने 16 पटवारियों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया। इन सबकी संलिप्तता किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे के घोटाले में थी। जांच के दौरान मामला सही पाया गया। इसके बाद पटवारियों को बर्खास्त किया गया। किसानों को उनकी फसल क्षति के मुआवजे के तौर पर बांटी जाने वाली राशि मे इन्होंने अफरा तफरी की थी।
कलेक्टर ऋषभ गुप्ता के अनुसार यह कार्रवाई करीब एक साल पहले सामने आई। पटवारियों और क्लर्कों की ओर से की गई वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट पर जांच की गई, जो सही निकली। कलेक्टर ने बताया कि 18 पटवारियों और दो लिपिकों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई थी, जो हाल ही में पूरी हुई। इसमें पता चला है कि आरोपियों ने फसल क्षति का सामना कर रहे किसानों को मिलने वाले मुआवजे के करीब डेढ़ करोड़ रुपए का गबन किया है। इससे पहले दो पटवारियों और इतने ही लिपिकों की सेवाएं समाप्त की गई थीं। जबकि, आज 16 पटवारियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई।
इन पटवारियों पर कार्यवाही हुई
कलेक्टर ने बंशीलाल डाबर, प्यारसिंह सोलंकी, अमित कुशवाह, दिनेश सिसोदिया, दिलीप यादव, भैयालाल नरगावे, महेंद्र मण्डलोई, नंद किशोर शर्मा, अनिरूद्ध यादव, अनिल धुर्वे, रायसिंह देवड़ा, विकास सरोठिया, नवीन धीमान, अर्जुन वर्मा, रामोतार जोनवाल और अजय चौधरी को नौकरी से बर्खास्त किया है।
यहां कार्यरत थे ये पटवारी
ये सभी पटवारी और लिपिक कन्नौद, खातेगांव, सोनकच्छ और टोंक खुर्द तहसील में पदस्थ थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने विभागीय जांच में साबित हो चुके पैसे का दावा करने के लिए अपने, रिश्तेदारों और दोस्तों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया। कलेक्टर ने बताया कि आरोपियों से गबन की गई राशि की वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं।