17 Books at the Age of 37:दिनेश्वर माली ने 37 साल की उम्र में लिखी 17 किताबें
गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट
नई दिल्ली/मुंबई: मुंबई में रहने वाले राजस्थान के एक लेखक, वक्ता, पत्रकार, मंच संचालक ने मात्र 37 साल की उम्र में 17 किताबें लिख कीर्तिमान बनाया हैं। उनकी पुस्तक “धारा राजस्थान” 2007 में पहली बार प्रकाशित हुई थी। उनकी 17 वी पुस्तक बाहर संसारी-भीतर संन्यासी अभी 2024 में बाजार में आई है।
लेखक राजस्थान में सिरोही जिले में बसे रोहिड़ा गांव के मूल निवासी हैं। उन्होंने राजस्थानी कलाकार एड्रेस डायरेक्टरी, माली समाज डायरी, राजस्थान के कवि, मारवाड़ी भजन संग्रह जैसी कई पुस्तकों का प्रकाशन भी किया है। इनकी किताबें अमेजॉन और फ्लिफ्क़ार्ट पर ऑन लाईन उपलब्ध हैं। माली खबरें गौरव पत्रिका के प्रधान सम्पादक और प्रकाशक भी हैं।
गीतकार के रूप में दिनेश्वर माली अब तक कई वीडियो एवं ऑडियो म्यूजिक एलबमों के गाने भी लिख चुके हैं। वे देश के कई बड़े सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों का मंच संचालन भी करते रहे हैं।
दिनेश्वर माली युवाओं, छात्रों एवं समाज के लोगों के लिए जीवन दर्शन यात्रा में चिंतन शिविर का आयोजन भी करते रहते हैं जिसमें वे वाणी और विचारों से लोगों को जागरूक और प्रेरित करते हैं। माली के यूट्यूब पर चलने वाले वीडियो भी खूब प्रसिद्ध हैं। इन्होंने राजस्थान की पहली राजस्थानी कलाकार एड्रेस डायरेक्टरी का प्रकाशन करने का गौरव हासिल किया है।
मारवाड़ी समाज के युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए बाल सभा, बाल संस्कार शिविर, कैरियर गाइडेंस सेमिनार, बिजनेस मोटिवेशन सेमिनार जैसे कई कार्य माली करते रहे हैं।
कवि दिनेश्वर माली पिछले कई साल से हर दिवाली गरीब आदिवासी वनवासी बच्चों की सेवा भी करते हैं जिसमें वे उनको मिठाई, कॉपी, किताबें, बॉलपेन, नये ड्रेस का वितरण भी करते हैं ।
समाज के गरीब लोगों की सेवा के लिए सेवा प्रेरणा जागरूकता अभियान के तहत वे समाज को आगे बढ़ाने के लिए कोशिश करते रहे हैं। मुंबई में वे एक वक्ता, चिंतक, विचारक के रूप में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं।
एक सर्वसाधारण सामान्य किसान परिवार में जन्मे दिनेश्वर माली ने मुंबई शहर में बहुत कम उम्र में राजस्थान का गौरव बढ़ाया है।