17 Engineers Suspended : बिहार में 12 पुल गिरने के बाद नीतीश सरकार का एक्शन, 17 इंजीनियर सस्पेंड!
Patna : पुल-पुलिया गिरने के मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 17 इंजीनियर्स को सस्पेंड कर दिया। इनमें 11 इंजीनियर्स जल संसाधन विभाग के और 6 ग्रामीण कार्य विभाग के हैं। लगातार ध्वस्त हो रहे पुल-पुलियों के मामले में आखिरकार नीतीश सरकार ने कड़ा एक्शन ले ही लिया। 17 इंजीनियर्स को सस्पेंड कर दिया गया। बिहार के विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद और ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सरकार की इस कार्रवाई जानकारी दी और कहा कि इस मामले को लेकर बिहार सरकार गंभीर है।
जिन 17 इंजीनियर्स को निलंबित किया उनमें 11 इंजीनियर्स जल संसाधन विभाग के हैं। इनमें दो कार्यपालक अभियंता अमित आनंद और कुमार बृजेश शामिल हैं। इसके अलावा चार सहायक अभियंता राजकुमार, चंद्रमोहन झा, सिमरन आनंद और नेहा रानी है। जबकि, 5 कनिष्ठ अभियंता मोहम्मद मजीद, रवि कुमार रजनीश, रफी उल होदा अंसारी, रत्नेश गौतम और प्रभात रंजन को सस्पेंड किया गया।
ग्रामीण कार्य विभाग के 6 इंजीनियर्स पर कार्रवाई की गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार, आशुतोष कुमार रंजन और कनिष्ठ अभियंता वीरेंद्र प्रसाद और मनीष कुमार हैं। इसके अलावा दो और इंजीनियर्स जो पहले से ही निलंबित हैं उनके खिलाफ भी विभागीय जांच की जाएगी।
9 पुल-पुलिया ध्वस्त हुए
विकास आयुक्त सह जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में 9 पुल-पुलिया ध्वस्त हुए। इनमें से 6 बहुत पुराने हो चुके थे, जबकि, तीन निर्माणाधीन थे। 3 और 4 जुलाई को सिवान और सारण जिले में छाड़ी और गंडकी नदी पर बनी 6 पुलिया ध्वस्त हुई।
नदी जोड़ योजना की पुल-पुलिया
जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि गोपालगंज, सीवान और सारण जिलों से प्रवाहित होने वाली नदियों के प्रवाह को अविरल बनाने के साथ नदी जोड़ योजना एवं जल जीवन हरियाली अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत कई नदियों को एक साथ जोड़ने की योजना का क्रियान्वयन हो रहा है।
जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि 69.89 करोड़ की लागत से इस योजना के तहत 170 किलोमीटर की लंबाई में 19 मीटर चौड़ाई और औसत गहराई 3 मीटर में गाद निकासी का कार्य कराया जा रहा है। मार्च 2025 तक यह योजना पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जांच में ये पाया गया कि कार्य के कार्यान्वयन के दौरान संबंधित अभियंताओं ने इन नदियों पर अवस्थित पुल-पुलिया को सुरक्षित रखे जाने के लिए कदम नहीं उठाया और इसलिए इन इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
ग्रामीण कार्य विभाग की 3 पुलिया क्षतिग्रस्त
ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग की 3 पुलिया क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसके बाद मुख्य अभियंता निर्मल कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया और मामले की जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही ग्रामीण कार्य विभाग के 6 इंजीनियर्स सस्पेंड किए गए। संवेदक को भी काली सूची में दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। संवेदक को किए गए भुगतान की वसूली SBD के प्रावधानों के आलोक में की जा रही है। इसके अलावा संवेदक के सभी कार्यों के लंबित भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
गिरते पुल, उठते सवाल
पिछले एक महीने के दौरान राज्य के अलग-अलग जिलों में कई पुल-पुलिया ध्वस्त हुए हैं। इस मसले को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी सहित पूरा विपक्ष बिहार सरकार को घेर रहा है। जबकि, सरकार भी लगातार सफाई दे रही है। इस मसले पर वार-पलटवार के बीच सरकार ने अब कार्रवाई भी शुरू कर दी है।