भोपाल: राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश में नई एमपी स्टार्ट अप नीति और कार्यान्वयन योजना 2022 लागू कर दी है। इसके नियम, छूट और अन्य सभी शर्ते तय हो गई है। महिलाएं एमपी में स्टार्टअप लगाती है तो उन्हें सभी रियायतों के अलावा बीस फीसदी अधिक मदद मिलेगी। नई स्टार्ट अप नीति में आयोजनों के लिए मदद से लेकर इन्क्यूबेशन उनयन, पेटेंट, लीज रेंटल, प्रशिक्षण व्यय के अलावा रोजगार अनुदान , सस्ती बिजली और कई तरह की छूट राज्य सरकार प्रदान करेगी।
नई स्टार्ट अप नीति के तहत प्रदेश में शासकीय निविदाओं में भाग लेने वाले स्टार्ट अप उद्यम को अनुभव और टर्नओवर संबंधी शर्तो, मापदंडों से छूट प्रदान की जाएगी। एक करोड़ से अधिक के शासकीय ठेके के लिए संबंधित विभाग अलग से स्टार्ट अप से सेवा उत्पाद उपार्जन का प्रावधान कर सकता है। एक करोड़ से अधिक के सेवा उपार्जन संबंधी निविदाओं एनआईटी प्रस्ताव के अनुरोध पर स्टार्ट अप के लिए प्रूफ आॅफ कंसेप्ट को मान्य किया जाएगा। राज्य शासन की सभी एनआईटी प्रस्ताव के अनुरोध में सुरक्षा निधि और बयाना राशि से छूट दी जाएगी।
पंद्रह लाख रुपए तक की निवेश सहायता- ऐसा स्टार्ट अप जिसमें सेबी द्वारा अधिमान्यता प्राप्त वित्तीय संस्थान से फंड निवेश प्राप्त किया गया हो तो प्राप्त प्रथम निवेश के पंद्रह प्रतिशत की दर से अधिकतम पंद्रह लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। यह मदद स्टार्ट अप के जीवनकाल में अधिकतम चवार चरणों में प्राप्त निवेश के लिए अलग-अलग पंद्रह प्रतिशत की दर से मिलेगी।
महिलाओं को बीस प्रतिशत अतिरिक्त मदद-
महिलाओं द्वारा प्रदेश में कोई स्टार्ट अप शुरु किया जाता है तो उसे बीस प्रतिशत अतिरिक्त सहायता राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी।
आयोजन के लिए मदद इन्क्यूबेशन उन्नयन सहायता-
स्टार्ट अप से संबंधित कार्यक्रम के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश स्थित इन्क्यूबेटर्स को पांच लाख रुपए प्रति आयोजन की सहायता अधिकतम बीस लाख रुपए तक दी जाएगी। इन्क्यूबेटर्स के उन्नयन हेतु पांच लाख रुपए की एकमुश्त सहायता दी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक इन्क्यूबेटर को उसकी मौजूदा क्षमता में बीस फीसदी इजाफा करना होगा। यह सुविधा इन्क्यूबेटर को संपूर्ण जीवन काल में एक बार मिलेगी।
पेटेंट, लीज रेंटल मदद-
स्टार्ट अप को लीज पर लिए गए कार्यस्थल के लिए चुकाए गए मासिक किराये का पचास प्रतिशत अधिकतम पांच हजार रुपए प्रति माह की लीज रेंटल सहायता तीन वर्ष के लिए मिलेगी। इसी तरह पेटेंट प्राप्त करने के लिए पांच लाख रुपए की अधिकतम सहायता इस शर्त के साथ दी जाएगी कि पेटेंट प्रदेश में स्थपित स्टार्ट अप के लिलए प्राप्त किया गया हो।
रोजगार देने पर अनुदान, प्रशिक्षण खर्च की पूर्ति-
स्टार्ट अप को तकनीकी एवं कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता के दृष्टिगत कौशल विकास एवं प्रशिक्षण व्वय हेतु प्रतिपूर्ति की सहायता प्रति नवीन कर्मचारी तेरह हजार रुपए तीन वर्ष के एिल 25 कर्मचारियों के हिसाब से मध्यप्रदेश के मूल निवासी कर्मचारी को प्राप्त होगी। नियोक्ता द्वारा उत्पाद आधरित स्टार्ट अप इकाई में उत्पादन प्रारंभ होंने से तीन वर्ष तक नियुक्त सभी नये कर्मचारियों को पांच हजार रुपए प्रति कर्मचारी प्रति मास सहायता तीन वर्ष तक दी जाएगी। यह सहायता 25 कर्मचारियो के लिए मिलेगी और उत्पादन प्रारंभ होंने के पांच वर्ष की अवधि तक सीमित रहेगी। तीन वर्ष में 90 प्रतिशत रोजगार मप्र के मूल निवासियों को देना होगा।
नये बिजली कनेक्शन पर शुल्क और टेरिफ में रियायत-सभी पात्र नई इकाईयों को विद्युत कनेक्शन लेने पर तीन वर्ष तक विद्युत शुल्क से छूट दी जाएगी। वाणिज्यिक उत्पादन से तीन वर्ष के लिए पांच रुपए प्रति यूनिट पर बिजली मिलेगी।
राज्य नवाचार चुनौती के तहत सहायता-
प्रदेश में उच्च प्रभाव वाले चार आर्थिक -सामाजिक समस्याओं के निवारण के लिए प्राप्त एवं चयनित अवधारणा को विशेष वित्तीय सहासता दी जाएगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति इसके लिए स्टार्ट अप का चयन करेगी। एक करोड़ रुपए तक अनुदान चार चरणों में सत्यापित किया जाएगा।भंडार क्रय नियमों के प्रावधानों में छूट सुशासन संस्थन की सुविधाएं और अन्य लाभ मिेंगे।