नाबालिक से दुष्कर्म करनेवाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया!

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सिंहस्थ-2004

नाबालिक से दुष्कर्म करनेवाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

Bhopal : विशेष न्‍यायालय पॉक्‍सो श्रीमती तृप्‍ती पाण्‍डेय ने नाबालिक बच्‍ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी शेखर गंगराडे को धारा 376 (2) एन, 376 (3) भादवि एवं 5 एल/6 पॉक्‍सो एक्‍ट में दोषी पाते हुए 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदण्‍ड की सजा सुनाई। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक टी. पी. गौतम, श्रीमती गुंजन गुप्‍ता, श्रीमती सरला कहार द्वारा की गई।

प्रकरण की जानकारी देते हुए संभागीय जनसंपर्क अधिकारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि 30-सितम्बर-2021 को फरियादिया के पिता ने थाना बागसेवनिया में सूचना दी थी कि शाम 07:30 बजे मेरी नाबालिक लड़की अपनी सहेली के घर कॉपी लेने का कहकर गई थी जो अभी तक वापस नहीं आई तो मैंने आसपास एवं रिश्‍तेदारों को फोन लगाकर पता किया जो कहीं नहीं मिली मेरी बेटी नाबालिक है एवं सोचने समझने में पूर्ण रूप से परिपक्व नही है। कोई अज्ञात व्‍यक्ति उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। इस पर पुलिस द्वारा धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

पुलिस द्वारा नाबालिक को थाने पर बुलाया गया जहां उसने बताया कि मैं आरोपी शेखर को 1 वर्ष से जानती हूँ, वह मेरी सहेली का रिश्‍तेदार है और उसने मेरी सहेली से मेरा मोबाइल नंबर लेकर फोन पर बहुत मैसेज करने लगा और धीरे-धीरे फोन लगाकर बात करने लगा। ऐसा करते हुए हमारी सामान्‍य दोस्‍ती हो गई।

30-सितम्बर-2021 की शाम के समय मैं सहेली के यहां कॉपी लेने के लिए जा रही थी तभी आरोपी शेखर आया और बोला कि चलो अमराई घूमने चलते हैं और आटो में बिठाकर मुझे हबीबगंज स्‍टेशन ले गया और वहां से इंदौर ले गया और वहां आरोपी शेखर ने शादी का कहकर मेरे साथ मेरी मर्जी के विरूद्ध शारीरिक संबंध बनाए और लगातार 7-8 दिन तक कई बार गलत काम किया, वहां से शेखर मुझे महाराष्ट्र बार्डर में रिचडीखेड़ा ले गया और वहां हम किराए के मकान में  रहने लगे और वहां भी आरोपी शेखर ने मेरे साथ गलत काम किया।

घटना की सूचना के आधार पर पुलिस थाना बागसेवनिया द्वारा अपराध क्रमांक 699/21 धारा 363, 376, 376(एन), 376(2) भादवि एवं 5एल/6 पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

पुलिस द्वारा विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। न्‍यायालय द्वारा अभियोजन के साक्ष्‍य, तर्कों एवं दस्‍तावेजों से सहमत होकर आरोपी को दोषी पाते हुए शेखर को धारा 376 (2) एन, 376 (3) भादवि एवं 5 एल/6 पॉक्‍सो एक्‍ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदण्‍ड का निर्णय पारित किया।