

3 Youth Set Example of Honesty : इमानदारी की मिसाल बने 3 युवक, ट्रेन में मिली लाखों की ज्वेलरी और नकदी, मेरठ से रतलाम लाकर जीआरपी को सौंपी!
Ratlam : रतलाम से हरिद्वार दर्शन करने गए 3 युवकों को लोटते समय मेरठ में ट्रेन में पुलिस चेकिंग अभियान के दौरान एक युवक-युवती को मेरठ पुलिस ने उतार लिया था। उनके जाने के बाद अपर बर्थ पर युवक-युवती का बेग ट्रेन में रह जाने पर तीनों युवकों ने उस पर्स के बारे में कोच में यात्रा कर रहें यात्रियों से पुछा सभी के मना करने पर उन्होंने उस बेग को खोलकर देखा जिसमें युवती का आईडी प्रूफ था जिसमें युवती का पता मुरादाबाद का दर्ज था और बेग के अन्दर नकद राशि और ज्वेलरी दिखाई देने पर तीनों युवक घबरा गए और मेरठ पुलिस को सूचित करने की सोचते हुए झमेले में फसने का सोचकर रतलाम पंहुचने पर अपने परिचित रिटायर्ड आरपीएफ अधिकारी को पुरा वाकया बताया और बुधवार की सुबह 9 बजे ट्रेन से रतलाम उतरकर प्लेटफार्म नंबर 2 पर बने जीआरपी थाने में जानकारी देकर बैग लौटाया।
जीआरपी ने पंचनामा बनाकर बैग को खोला जिसमें 1 लाख 84 हजार रुपए नकद और ज्वेलरी थी जिनका वजन करने पर कुल वजन 143.680 ग्राम निकला जिसकी अनुमानित कीमत 12 लाख 48 240 रुपए हैं। जप्त ज्वैलरी में 8 जोड़ कान के टॉप्स, सोने की एक चेन, एक हार एक जोड झुमकी तथा अन्य ज्वेलरी थी इसके अलावा कुछ चांदी के सिक्के पायजेब भी थे पुलिस ने सामान बरामद किया।
तीनों युवकों द्वारा जीआरपी पुलिस को बैग लोटा देने के बाद भी उन्हें दोपहर तक थाने में बिठाए रखा। पुलिस ने तीनों को बोलकर तोल कांटा भी बुलवाया और समूची ज्वैलरी का तोल किया। तीनों दोस्तों को जीआरपी की कार्रवाई में संदेह होने पर गुरुवार दोपहर अपने 2 पत्रकार परिचित को लेकर एसपी अमित कुमार से मिले और पुरा घटनाक्रम बताया तब एसपी अमित कुमार ने रेल एसपी से दुरभाष पर चर्चा की तब जीआरपी ने गुरुवार शाम को बैग की जानकारी सार्वजनिक की। इससे पहले जीआरपी ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए बरामद ज्वैलरी का श्रेय अपने उपर लें लिया था और लावारिस बैग को ट्रेन में चेकिंग अभियान के दौरान जप्त करना बता दिया था।
इधर जीआरपी थाना प्रभारी मोतीराम चौधरी ने बताया कि लावारिस थैले की बरामदगी और जब्ती की कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है और पंचनामा बनाकर थैले को विधिवत जब्त किया गया है। इसके साथ ही धारा 35 (1)e, 106 BNNS के तहत केस दर्ज कर इन ज्वैलरी और नकदी के मालिक की तलाश की जा रही हैं।
जब इन तीनों युवकों से मीडियावाला ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 18 मार्च की शाम लगभग 5 बजे जब हमारी ट्रेन मेरठ स्टेशन पर खड़ी थी उसी कोच में एक युवक-युवती भी सवार थे। जिन्हें ट्रेन से 3-4 पुलिस जवान पकड़कर लें गए। तीनों युवकों का कहना है कि संभवत वह युवक-युवती घर से भागे थे और पुलिस के उन्हें ट्रेन से ले जाने के दौरान उनका बैग ट्रेन में ही छुट गया। उस बेग में एक लड़की की स्कूल की आईडी प्रूफ मिला जो मुरादाबाद का हैं जिसे हमने ईमानदारी से जीआरपी को लौटा दिया।
इसमें जीआरपी ने गुरुवार की शाम को जारी बयान में बताया कि ड्यूटी पर तैनात प्रधान आरक्षक महेन्द्र रावत और आरक्षक अनिल देवल ने प्लेटफार्म नंबर 4 पर खड़ी बांद्रा टर्मिनस ट्रेन में चेकिंग कर रहे थे। तभी तीनों युवकों ने लावारिस बैग के बारे में जानकारी दी। इसके बाद गवाहों के समक्ष बैग को खोला गया और उसमें रखे नकदी और आभुषणों को को जप्त किया गया। बयान में यह भी दर्ज था कि जिनके पास सम्पत्ति का वैध दावा हों तो वह वैध दस्तावेज पेश कर जीआरपी से संपर्क करें।
जबकि इसके ठीक विपरीत तीनों युवकों ने जीआरपी थाने पर पहुंचकर बैग सुपुर्द किया था और स्पष्ट कहा था कि हमें इसकी रशीद दी जाएं ताकि हमारे पास सबूत रहें लेकिन जीआरपी ने उनकी एक न सुनी और पांच घंटे बैठाया और बगैर रशीद दिए छोड़ दिया। तीनों युवकों ने अपने दो पत्रकार साथियों के साथ एसपी अमित कुमार को बताया था।यह मामला एसपी अमित कुमार के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने रेल एसपी से दुरभाष पर चर्चा करते हुए वाकया बताया।
गगन सोनी ने बताया कि जब हमने बैग जीआरपी के सुपुर्द किया था और उसमें रखे नकदी और आभुषण का वीडियो जीआरपी ने बना लिया था जो हमारे पास नहीं हैं।