

30 फीसदी प्रकरण CID जांच में पेडिंग,DGP के पास से आते हैं सबसे ज्यादा मामले
भोपाल: सीआईडी मुख्यालय में जांच के लिए आने वाले प्रकरणों में से तीस प्रतिशत के लगभग मामले लंबित हैं। यहां पर सबसे ज्यादा प्रकरण डीजीपी की ओर से आते हैं। सीएम मानिट, सीएस मानिट और लोकायुक्त संगठन से भी यहां पर प्रकरण भेजे जाते हैं। हालांकि पुलिस में 70 प्रतिशत प्रकरणों को निराकृत करने को बेहतर माना जाता है। ई-फाइलिंग में अब इन सभी मामलों को अपलोड किया जा रहा है, इससे प्रकरणों को निराकृत करने को ओर गति मिल सकती है।
जानकारी के अनुसार CID में विवेचना के लिए अभी 46 प्रकरण लंबित हैं। वर्ष 2023 के अंत में लंबित प्रकरणों की संख्या 43 थी। पिछले साल यहां पर विवेचना के लिए 11 प्रकरण सामने आए। कुल 54 प्रकरणों में से 8 प्रकरण निराकृत किए गए। बाकी की विवेचना चल रही है। अब इन सभी को ई-फाइलिंग से जोड़ा गया है। इस पर उच्च अधिकारियों के नजर में ये विवेचना हर समय आॅन लाइन रहेगी। वहीं डीजीपी की ओर से पिछले साल 259 मामले सीआईडी के पास पहुंचे। जबकि 61 मामले पूर्व से पेंडिंग थे, इस तरह कुल मामले 320 हो गए। इनमें से 207 मामलों को निराकृत कर दिया गया है, बाकी के 113 मामले अभी लंबित हैं। इसी तरह डीजीपी-ए से आए 12 मामलों में से 5 निराकृत कर दिए गए हैं। सीएम मानिट के कुल 17 मामलों में से 14 निराकृत हो चुके हैं। वहीं सीएस मानिट से एक प्रकरण आया वह भी निराकृत कर दिया गया है।
सभी प्रकरणों में यह है स्थिति
लोकायुक्त से चार प्रकरण आए थे, इनमें से दो प्रकरणों को निराकृत कर दिया गया है। जबकि दो प्रकरण लंबित हैं। इस तरह कुल 988 प्रकरण सीआईडी के पास सवा साल में आए थे। इनमें से 696 प्रकरणों को निराकृत कर दिया गया है। अभी 292 प्रकरण लंबित हैं। जिनकी ई-फाइलिंग सिस्टम के बाद मॉनिटरिंग तेज हो गई है।