
Seoni Hawala robbery case : SDOP पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर, सभी निलंबित 5 गिरफ्तार
Seoni (मध्य प्रदेश)। मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले में लगभग ₹2.96 करोड़ की हवाला रकम की लूट में पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता सामने आने के बाद पूरा विभाग हिल गया है।
डीजीपी कैलाश मकवाना के निर्देश पर SDOP (सिवनी) पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों पर डकैती, अपहरण और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
सभी को तत्काल निलंबित (Suspended) कर दिया गया है, जबकि 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है- “कानून तोड़ने वाला चाहे कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।”

**घटना कैसे शुरू हुई**
नागपुर निवासी सोहन परमार ने बताया कि वह कटनी के एक सर्राफा व्यापारी के ₹2 करोड़ 96 लाख 500 रुपये लेकर 8 अक्टूबर की रात क्रेटा कार (MH13 EK 3430) से जालना (महाराष्ट्र) जा रहा था।
सिवनी जिले के बंडोल थाना क्षेत्र में पुलिस ने गाड़ी को रोका।
जांच के नाम पर SDOP पूजा पांडे और थाना प्रभारी अर्पित भैरम ने नकदी से भरा बैग जब्त कर लिया।
परमार और उसके साथियों को थाने में रातभर बैठाए रखा गया, फिर अगली सुबह 50-50 पर बात बनी और बिना किसी कानूनी कार्रवाई के छोड़ दिया गया।
जब व्यापारी ने गिनती की, तो रकम ₹25 लाख कम पाई गई।
इस पर उन्होंने पूरी ₹2.96 करोड़ की लूट की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई।

**पुलिस पर ही डकैती का आरोप**
शिकायत के मुताबिक, पुलिस ने आधिकारिक तौर पर केवल ₹1.45 करोड़ रुपए की जब्ती दिखाई, जबकि लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की राशि रिकॉर्ड से गायब रही।
आरोप है कि इस रकम को कुछ अधिकारियों ने आपस में बांट लिया।
मामले की भनक वरिष्ठ अधिकारियों को तब लगी, जब एसपी सुनील कुमार मेहता को मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से इसकी जानकारी मिली।
इसके बाद एएसपी दीपक मिश्रा और आईजी प्रमोद वर्मा ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।
**डीजीपी का बड़ा एक्शन**
जांच रिपोर्ट सामने आते ही डीजीपी कैलाश मकवाना ने तत्काल कार्रवाई करते हुए SDOP पूजा पांडे सहित 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इन पुलिसकर्मियों पर बीएनएस की धाराएं 310(2) (डकैती), 140(3) (अपहरण), 61(2) (आपराधिक षड्यंत्र) और संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम की धारा 112(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज हुआ।
थाना लखनवाड़ा में अपराध क्रमांक 473/2025 के तहत केस दर्ज है।
**निलंबित पुलिसकर्मियों की सूची**
1. पूजा पांडे, एसडीओपी सिवनी
2. अर्पित भैरम, उप निरीक्षक (थाना प्रभारी, बंडोल)
3. प्रधान आरक्षक माखन (203) — एसडीओपी कार्यालय
4. प्रधान आरक्षक रविन्द्र उईके (447) — रीडर, एसडीओपी कार्यालय
5. आरक्षक जगदीश यादव (803) — एसडीओपी कार्यालय
6. आरक्षक योगेन्द्र चौरसिया (306) — एसडीओपी कार्यालय
7. आरक्षक चालक रितेश (582) — ड्राइवर, एसडीओपी कार्यालय
8. आरक्षक नीरज राजपूत (750) — थाना बंडोल
9. आरक्षक केदार (610) — गनमैन, एसडीओपी सिवनी / 8वीं वाहिनी विसबल, छिंदवाड़ा
10. आरक्षक सदाफल (85) — गनमैन, एसडीओपी सिवनी / 8वीं वाहिनी विसबल, छिंदवाड़ा
11. प्रधान आरक्षक राजेश जंघेला
**गंभीर धाराओं में कार्रवाई, पांच गिरफ्तार**
डीजीपी के आदेश के बाद पांच पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की पुष्टि हो चुकी है।
शेष छह अधिकारियों से पूछताछ जारी है।
मामले की जांच एसआईटी (Special Investigation Team) को सौंपी गई है।
सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह भी खुलासा हुआ कि यह पूरा नेटवर्क हवाला और जुआ-सट्टा कारोबार से जुड़ा था।
**निलंबन निरस्तीकरण पर सवाल**
इस बीच, जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा ने बंडोल थाना प्रभारी चंद्रकिशोर सिरामे का निलंबन निरस्त कर दिया। एसपी ने यह निलंबन किया था।
इस फैसले से पुलिस महकमे में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि “इस निर्णय ने पूरी कार्रवाई की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर दिया है।”
**मुख्यमंत्री की सख्त चेतावनी**
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट कहा-
“कानून तोड़ने वाला चाहे पुलिस वाला ही क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा। इस प्रकरण में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सेवा से बर्खास्तगी तक की कार्रवाई होगी।”
**मुख्य सवाल अब भी बरकरार**
करीब ₹3 करोड़ की बरामदगी में से ₹1.5 करोड़ का गायब रहना अब भी जांच का सबसे बड़ा प्रश्न है।
विभागीय अधिकारी मान रहे हैं कि यह प्रकरण अब सिर्फ एक हवाला लूट नहीं, बल्कि पुलिस की ईमानदारी और जवाबदेही की कसौटी बन गया है।




