सिंधिया समर्थक 4 मंत्री टिकट कटने के फेर में फंसे, संघ से जुड़े दो मंत्रियों की बदलेगी सीट, एक मंत्री की आस बेटी को मिले टिकट
भोपाल:भाजपा की प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी होने के बाद ऐसा लगता है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक चार मंत्रियों की उम्मीदवारी पर पेंच फंस गया है। वहीं संघ से जुड़े दो मंत्रियों के भी टिकट अभी तय नहीं हो सकें। वहीं एक मंत्री अपने बेटी को टिकट दिए जाने की आस लगाए बैठें हुए हैं। जबकि कुछ की स्थिति भाजपा के सर्वे में बेहतर नहीं मानी जा रही है।
चौथी सूची जारी होने के बाद अब नौ मंत्रियों के टिकट घोषित नहीं हुए हैं। जिसमें शिवपुरी से विधायक एवं मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी शामिल हैं। यशोधरा राजे ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है। अब बाकी के आठ मंत्रियों के टिकट पर संशय कायम हैं। हालांकि इसमें से सिंधिया समर्थक माने जाने वाले पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का टिकट लगभग तय हैं, उनकी उम्मीदवार फिलहाल घोषित नहीं की गई है। अगली सूची में उनका नाम आ सकता है।
*सांसद को प्रत्याशी बनाने के कारण टिकट दिक्कत में*
सूत्रों की मानी तो लोक स्वास्थय एवं यांत्रिकी राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह यादव की सीट बदली जा सकती है। पार्टी का प्रयास है कि इस सीट पर गुना के सांसद केपी यादव को उम्मीदवार बनाया जाए। हालांकि बृजेंद्र सिंह यादव को एडजस्ट करने के लिए उन्हें किसी दूसरी सीट पर उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
*इनकी स्थिति नहीं मानी जा रही अच्छी*
वहीं सिंधिया समर्थक लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ को चौथी सूची में भी जगह नहीं मिल सकी है। पार्टी के सर्वे में उनकी स्थिति अच्छी नहीं मानी जा रही है। इसलिए उनका टिकट कटने के आसार ज्यादा बन रहे हैं। इसी तरह नगरीय विकास एवं आवास विभाग के राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया के टिकट को लेकर भी संशय बना हुआ है। इनकी भी सर्वे में रिपोर्ट से पार्टी नेता संतुष्ट नहीं हैं। इसलिए इनका टिकट भी फंसा हुआ माना जा रहा है। राज्यमंत्री राम खिलावन पटेल की स्थिति में सर्वे रिपोर्ट में खराब आई है। उनका टिकट कट सकता है।
*इनकी बदल सकती है सीट*
वहीं संघ में मजबूत पैठ रखने वाले दो मंत्रियों को भी चौथी सूची में जगह नहीं मिल सकती है। शुजालपुर से विधायक एवं राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार का नाम इस सूची में नहीं आया है। परमार शुजालपुर की जगह पर कालापीपल से चुनाव लड़ाया जा सकता है। वे एक बार कालापीपल से विधायक रह चुके हैं। यहां पर कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी का टिकट तय माना जा रहा है, वे खाती समाज से आते हैं। वहीं महू से विधायक एवं पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर को भी अब तक प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। उषा ठाकुर 2003 में इंदौर एक से 2013 में इंदौर तीन से विधायक रह चुकी है। इसके बाद उन्हें पिछला चुनाव महू से लड़ाया गया था। इस बार भी उनकी सीट बदले की संभावना बताई जा रही है।
*सात बार के विधायक का टिकट भी खतरे में*
सात बार के विधायक एवं दो बार के सांसद और प्रदेश सरकार के मंत्री गौरीशंकर बिसेन का टिकट भी खतरे में बताया जा रहा है। वे अपनी बेटी मौसमी बिसेन को बालाघाट से टिकट दिलाने की इच्छा रखते हैं। उन्हें पिछले महीने ही मंत्री बनाया गया था। वे भाजपा के सबसे सीनियर विधायकों में शुमार हैं।