

4 Years Imprisonment: ट्यूबवेल खनन की मंजूरी के एवज में रिश्वत लेने वाले तत्कालीन एसडीएम रीडर को 4 वर्ष कारावास!
आरोपी को लोकायुक्त द्वारा ट्रेप किया गया था!
Ratlam : जिले के सैलाना में मकान में ट्यूबवेल की मंजूरी देने के बदले रिश्वत मांगने वाले आरोपी को लोकायुक्त द्वारा ट्रेप करने के मामले में न्यायालय आदित्य रावत विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988) द्वारा आरोपी मनीष विजयवर्गीय को 4 वर्ष वर्ष का सश्रम कारावास और 2 हजार अर्थदंड की सजा सुनाते हुए आरोपी को जेल भेजने के आदेश दिए।
प्रभारी जिला अभियोजन गोल्डन राय ने बताया कि 31 दिसम्बर 2018 को आवेदक हरिवल्लभ बामनिया ने उज्जैन स्थित लोकायुक्त कार्यालय में लिखित शिकायत आवेदन-पत्र दिया था कि उसके द्वारा वर्ष 2016 में अल्पबचत से 600 स्क्वेयर फीट का प्लाट रतलाम जिले के सैलाना में मकान बनाने हेतु खरीदा गया था। खरीदे गए प्लाट पर मकान निर्माण हेतु ट्युबवेल का खनन कराना चाहता हुं जिसके लिए मेरे द्वारा सैलाना एसडीएम कार्यालय में आवेदन-पत्र दिया था परन्तु लम्बे समय तक एसडीएम कार्यालय के चक्कर खाने के बाद भी ट्युबवेल खनन की मंजूरी प्राप्त नही हुई। इस संबंध में, मैं एसडीएम सैलाना के रीडर मनीष विजयवर्गीय से मिला तो उन्होने मुझसे ट्युबवेल खनन की मंजूरी के देने हेतु 5 हजार रूपए रिश्वत की मांग की है।
आवेदक हरिवल्लभ बामनिया द्वारा दिए गए आवेदन पर उप-पुलिस अधीक्षक वेदान्त शर्मा, विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने, शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर दिया तथा आरोपी मनीष विजयवर्गीय और आवेदक हरिवल्लभ बामनिया के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। रिश्वत संबंधी बातचीत के दौरान आरोपी मनीष विजयवर्गीय से रिश्वत की राशि कम करने के निवेदन करने के लिए वह 3 हजार रूपए रिश्वत राशि लेने हेतु सहमत हो गया।
तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर ट्रैप कार्यवाही 3 जनवरी 2019 को कार्यालय एसडीएम सैलाना जिला रतलाम से आरोपी मनीष विजयवर्गीय को आवेदक हरिवल्लभ बामनिया से 3 हजार रूपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के निरीक्षक वेदान्त शर्मा द्वारा ट्रेप किया गया।
आवेदक हरिवल्लभ बामनिया ने निरीक्षक वेदान्त शर्मा को बताया कि आरोपी मनीष विजयवर्गीय, रीडर कार्यालय एसडीएम के मांगने पर उसने रिश्वत की राशि 3 हजार रुपए हाथ में दिए हैं जो उसने रिश्वत की राशि अपनी पहनी हुई पेंट के आगे की बायी जेब में रख लिए है। निरीक्षक वेदान्त शर्मा ने विज्ञप्त पंच साक्षी विमल कुमार सूर्यवंशी से कहा कि वे आरोपी मनीष विजयवर्गीय से पूछे कि आवेदक हरिवल्लभ बामनिया से लीं और रिश्वत की राशि कहां रखी है तो आरोपी मनीष विजयवर्गीय द्वारा बताया गया कि हरिवल्लभ बामनिया से रिश्वत की राशि अपने हाथों में लेकर अपनी पहनी हुई पेंट के आगे की बायी जेब में रख लिए है। इसके बाद विज्ञप्त पंच विमल कुमार सूर्यवंशी ने आरोपी मनीष विजयवर्गीय के पेंट की आगे की बायी जेब में हाथ डालकर रिश्वत के रूपए निकाले और गिने तो 500-500 रूपए 6 नोट कुल 3 हजार रूपए निकले।
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इन करेंसी नोटों के नंबरों का मिलान किए जाने पर ये नोट वही नोट पाए गए, जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक हरिवल्लभ बामनिया की जेब में रखवाए गए थे। मौके पर आरोपी मनीष विजयवर्गीय के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया। एफएसएल द्वारा रासायनिक परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलवाने के घोल और उसकी पहनी हुई पेंट के आगे की बायी जेब जहां रिश्वत की राशि रखी गई थी के पोछन के घोल में फिनाफ्थलीन का परीक्षण धनात्मक पाया था।
विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय 18 जनवरी 2023 को अभियोग-पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विशेष न्यायालय द्वारा मनीष विजयवर्गीय (43) जाति वैष्णव, तत्कालीन रीडर, कार्यालय एसडीएम सैलाना जिला रतलाम को दोषसिद्ध किया गया गया। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी कृष्णकांत चौहान विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा की गई!