

MP के 17 जिलों में भूलेख पोर्टल पर दर्ज 41 हजार 550 हेक्टेयर जमीन गायब
भोपाल: राज्य सरकार के एमपी भूलेख पोर्टल पर दर्ज सत्रह जिलों की 41 हजार 550 हेक्टेयर जमीन गायब है। इन जिलों में भूलेख पोर्टल पर 1 लाख 92 हजार 933 हेक्टेयर जमीन होंने की जानकारी है। लेकिन जब जिलों से जानकारी मांगी गई तो जिलों से आई जमीनों की जानकारी में एक लाख 51 हजार 383 हेक्टेयर जमीन की जानकारी भेजी गई। जमीनों की जानकारी में भारी अंतर है।
मध्यप्रदेश के आगर मालवा, बालाघाट, बड़वानी, भोपाल, छिंदवाडा, डिंडौरी, कटनी, रतलाम, उमरिया, बुरहानपुर, इंदौर, खरगौन, नरसिंहपुर, पन्ना, श्योपुर, सीधी और नीमच जिले की शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की जानकारी में यह कमी सामने आई है।लेखा परीक्षा ने सीएलआ से नजूल भूमि की उपलब्धता संबंधी जिलेवार आंकड़े उपलब्ध कराने का अनुोध किया। लेकिन सीएलआर के पास आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। सवभी जिलों से सीएलआर ने जानकारी मांगी लेकिन केवल 17 जिलों ने शासकीय भूमि के आंकड़े प्रस्तुत करे। शेष पैतीस जिलों से जानकारी लेखा परीक्षा को नहीं भेजी गई। लेखा परीक्षा ने जब मध्यप्रदेश भूलेख पोर्टल पर अपलोड आंकड़ों की जांच की तो पता चला जिलों से आए आंकड़ों और एमपी भूलेख पोर्टल पर अपलोड आंकड़े भिन्न थे। कैग ने माना कि शासकीय भूमि के संबंध में आंकड़ों की सत्यता को सत्यापित करने के लिए विभाग स्तर पर कोई प्रणाली नहीं थी। सीएलआर के कार्यालय में अथवा शेष जिलों के कलेक्ट्रेट में नजूल भूमि के आंकड़ों की अनुपलब्धता स्पष्ट रुप से एमपीएनबीएनएन के निर्देशों का पालन नहीं करने और विभाग स्तर पर निष्प्रभावी निगरानी को रेखांकित करता है। बाद में शासन ने बताया कि सीएलआर को तथ्यों के परीक्षण के लिए निर्देशित किया गया है।