रतलाम से रमेश सोनी की खास रिपोर्ट
रतलाम-झाबुआ:
लोगों की मजबूरी,बेबसी को शिकार बनाकर अपने घरों को वैभवशाली स्वरुप देकर, ऐशगाह बनाकर अय्याशी पूर्ण जीवन जीने वाले सामान्य कर्मचारी की मासिक तनख्वाह का आंकलन किया जाए तो बात यही सामने आती हैं कि इतना रुपया इन भ्रष्ट कर्मचारी के पास कहा से आया।
मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में सोसाइटी मैनेजर के ठिकानों पर गुरुवार को लोकायुक्त की टीम ने छापेमारी की तो आंखे खुली रह गई।
34 हजार की सैलरी पाने वाले सोसाइटी मैनेजर के घर से 22 लाख रुपये नकदी मिले हैं।
बात समझने की है कि
आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले के मेघनगर के मालतोड़ी गांव में
रहने वाले इस मैनेजर ने गरीब आदिवासी लोगों के पेट पर छुरी चलाकर धनकुबेर बनने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
लोकायुक्त की टीम ने गुरुवार की सुबह छापेमारी की थी। लोकायुक्त पुलिस की पूरी टीम आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था देवझिरी में पदस्थ मैनेजर के निवास स्थान मालटोड़ी सहित रतलाम, झाबुआ और मेघनगर में भी कार्रवाई की है। इस दौरान सोसायटी मैनेजर के पास से बेतहाशा संपत्ति मिली है। 25 साल की नौकरी के दौरान जितनी उसकी सैलरी नहीं है, उससे हजारों गुना अधिक संपत्ति का मालिक सोसाइटी मैनेजर भारत सिंह हाड़ा निकला है।
लाखों रुपए, छह luxury बंगले,लाखों की जूलरी,जिम,भ्रष्ट अधिकारी की संपत्ति देख हिल गई लोकायुक्त पुलिस टीम
सोसायटी मैनजेर भारत सिंह हाड़ा ने अकूत संपत्ति कमाई है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि उसके घर से 22 लाख 76 हजार रुपये सिर्फ नगद मिले हैं। लोकायुक्त की टीम यह जांच करने में जुटी है कि इसके पास इतने पैसे कहां से आए हैं। साथ ही आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित देवझरी के मैनेजर भारत सिंह हाड़ा की विगत कई दिनों से संस्था के कार्यकलापों की और अनियमितताओं की जानकारी लोकायुक्त को मिली थी। लोकायुक्त की टीम ने शुरुआती जांच में मामला सही पाया है। इसके बाद कोर्ट से वारंट लेकर सोसायटी मैनेजर के ठिकानों पर छापेमारी की है।
25 साल की नौकरी के दौरान हाड़ा ने वेतन से कई गुना अधिक संपत्ति कमाई है। 1997 में वह सोसाइटी में सेल्समैन के रूप में भर्ती हुआ था। लोकायुक्त टीम की जांच में यह बात सामने आई है कि वर्तमान में उसकी सैलरी 34-35 हजार रुपये के करीब है। उसके घोसलिया गांव के माकन में बाथ टब, महंगे फर्नीचर, झूमर, शानदार लाइटिंग और आलीशान बेडरूम मिले हैं।
छह बंगलों का मालिक है मैनेजर
लोकायुक्त की छापेमारी में मैनेजर की कई संपत्तियों के बारे में खुलासा हुआ है। उसके पास छह मकान और दो प्लॉट हैं। मालतोड़ी, मेघनगर, झाबुआ और रतलाम में आरोपी मैनेजर के मकान हैं। लोकायुक्त ने सुबह छह बजे इसके घर पर छापेमारी शुरू की थी। देर रात तक कार्रवाई चली है। इसकी अकूत संपत्ति को देखकर लोकायुक्त की टीम भी हिल गई थी।
42 तोला सोना और पांच किलो चांदी जप्त
मैनेजर के घर से बड़े पैमाने पर स्वर्ण आभूषण भी मिले हैं। इसके पास लोकायुक्त की टीम को 420 ग्राम सोने और पांच किलो चांदी के आभूषण मिले हैं। साथ में महंगी स्कॉर्पियो को भी टीम ने बरामद किया है। लोकायुक्त की कई टीम इसके ठिकानों की जांच कर रही थी। भारत सिंह हाड़ा के ऊपर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
घर का बाथरूम विलासिता के साधनों से परिपूर्ण और जिम भी
भारत सिंह हाड़ा के घर को देख लोगों की आंखे चौंधिया जाती थी।कम सैलरी वाले मैनेजर के इस आलीशान घर को देखकर लोग रुकते जरूर थे।घर में कांच की दीवारें हैं।साथ ही लाखों रुपये खर्च कर अंदर का इंटीरियर डेकोरेशन किया गया है।इसके साथ ही फर्नीचर भी काफी महंगे लगाए गए हैं।लोकायुक्त की टीम को भी ये सारी चीजें देखकर यकीन करना मुश्किल हो रहा था।इंदौर लोकायुक्त की टीम ने उसकी अवैध सम्पत्तियों के कई दस्तावेजों को कब्जे में लेकर कार्यवाहीं प्रारम्भ कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सहकारिता विभाग ने इस भ्रष्ट मैनेजर को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए है लेकिन क्या सस्पेंड ही एकमात्र सजा है?
अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की नाक में नकेल कसने के लिए सख़्त कानून को लागू करना होगा।