Uttarkashi Tunnel Rescue: सुरंग में जीत गई जिंदगी; 17 दिनों की मुसीबत पर भारी पड़ा हौसला, निकाले जा रहे मजदूर

1538

Uttarkashi Tunnel Rescue: सुरंग में जीत गई जिंदगी; 17 दिनों की मुसीबत पर भारी पड़ा हौसला, निकाले जा रहे मजदूर

उत्तराखंड सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन: जिंदगी की पाइपलाइन की पहली तस्वीरें, आखिरी चरण में बचाव अभियानउत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा है। 17 दिन तक चले बचाव अभियान के बाद मंगलवार को वह ‘मंगलघड़ी’ आई जिसका ना सिर्फ मजदूरों के परिवारों बल्कि पूरे देश को इंतजार था।

400 से अधिक घंटे तक देसी-विदेशी मशीनों और एक्सपर्ट ने मुश्किलों और चुनौतियों से भरे मिशन में हर बाधा को पार करते हुए बचावकर्मी मजदूरों तक पहुंच गए। मलबे में 800 एमएम की पाइप डालकर एक स्केप टनल बनाया गया जिसके जरिए मजदूरों ने बाहर निकालने की प्रक्रिया चल रही है।

टनल के बाहर पहले से तैनात एंबुलेंस के जरिए मजदूरों को अस्पताल ले जाया जाएगा। अस्पताल में हेल्थ चेक अप और आवश्यक इलाज के बाद मजदूरों को उनके घर भेजा जाए

उत्तराखंड टनल: जल्द ही सुरंग से बाहर निकल सकते हैं 41 मज़दूर, क्या है ताज़ा हाल

दिवाली की सुबह हुआ था हादसा
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चारधाम सड़क परियोजना (ऑलवेदर रोड) के लिए निर्माणाधीन सुरंग में रविवार को यह हादसा हुआ था। यमुनोत्री हाईवे पर धरासू से बड़कोट कस्बे के बीच सिलक्यारा से पौल गांव तक 4.5 किलोमीटर टनल निर्माण चल रहा है। दिवाली के दिन तड़के चार बजे शिफ्ट चेंजिंग के दौरान सुरंग के मुहाने से करीब 150 मीटर अंदर टनल का 60 मीटर हिस्सा टूट गया और सभी मजदूर अंदर फंस गए।

meJx1CBsy9ipef0dIijO7B2yBO67U58Z7aHhoWmc

प्लंबर ने दी सबसे पहले हादसे की सूचना
हादसे के वक्त टनल के मुहाने के पास मौजूद प्लंबर उपेंद्र के सामने यह हादसा हुआ था। काम के लिए अंदर जा रहे उपेंद्र ने जब मलबा गिरते हुए देखा तो बाहर भागकर उसने शोर मचाया। इसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई।

पाइपलाइन थी लाइफलाइन
सुरंग से पानी निकासी के लिए लगाई गई एक पौने चार इंच की पाइप लाइफलाइन साबित हुई। हादसे के बाद इसी पाइप के जरिए मजदूरों को ऑक्सीजन, पानी और खाने के लिए कुछ हल्के-फुल्के सामान भेजे गए। इसी पाइप के जरिए उन्हें जरूरी दवाएं भी दी गईं। हादसे के बाद 10वें दिन एक छह इंच की पाइप मजदूरों तक पहुंचाने में सफलता मिली, जिसके बाद उन्हें गरम खाना दिया जाने लगा। इसी पाइप के जरिए अंदर कैमरा भेजा गया और पहली बार अंदर का दृश्य दिखा।

किस राज्य के कितने मजदूर
झारखंड- 15
उत्तर प्रदेश- 8
ओडिशा-5
बिहार-5
पश्चिम बंगाल-3
उत्तराखंड-2
असम-2
हिमाचल प्रदेश -1