धोखाधड़ी के 4 आरोपियों को 5-5 साल की जेल,स्पेशल कोर्ट ने 1लाख 52 हज़ार का अर्थदंड भी लगाया

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धोखाधड़ी के 4 आरोपियों को 5-5 साल की जेल,स्पेशल कोर्ट ने 1लाख 52 हज़ार का अर्थदंड भी लगाया

शाजापुर से शिवपाल सिंह की रिपोर्ट

शाजापुर: स्पेशल कोर्ट शाजापुर ने आम लोगों से जालसाजी करने वाले 4 आरोपियों को 5 – 5 साल की जेल एवं 1लाख़ 52 हज़ार अर्थदंड की सजा सुनाई।

शाजापुर न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम) द्वारा मोहन बड़ोदिया, जिला- शाजापुर व अन्य जिलों में आपराधिक षड्यंत्र रच कर बीएनपी इंश्योरेंस एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाकर तथा विभिन्न स्थानों पर कार्यालय खोलकर लोगों को अधिक लाभ दिलाने का लालच देकर उनसे रुपए जमा करवा कर उसे वापस नहीं करने तथा बेईमानीपूर्वक आम लोगों का मानसिक व संपत्ति नुकसान करने वह छल करने के आरोप में केदार नागर पिता रामलाल नागर निवासी इंदौर, राघवेंद्र पिता गोरीचरण नरवरिया निवासी ग्वालियर, दयानंद पिता करण सिंह नरवरिया निवासी पहाड़पुरा जिला आगरा, रामदयाल पिता प्रह्लाद सिंह निवासी ग्राम तोरनिया जिला सीहोर को 5 – 5 साल के कठोर कारावास की सजा दी हैं।

अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक सुनील कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि अभियोजन की घटना के अनुसार कंपनी के डायरेक्टर केदार नागर द्वारा वर्ष 2010 में मोहन बड़ोदिया के लोगों को इकट्ठा कर कंपनी का लुभावना प्लान बताया। कंपनी में एफडी करने पर 5 साल में दुगनी राशि और आरडी प्लान में जमा राशि 5 वर्ष में डेढ़ गुना होने का प्रलोभन दिया। और लोगों को एजेंट बनने के लिए अच्छा खासा कमीशन देने का लालच भी दिया। कंपनी के डायरेक्टर के प्रलोभन में आकर लोगों ने कंपनी में खाते खुलवाए। जिसमें मोहन बड़ोदिया के लोगों ने लगभग ढाई करोड़ रुपए जमा कराएं और सभी को कंपनी ने दोगुनी राशि मिलने की पालिसी बनाकर दी। चारों आरोपी कंपनी के डायरेक्टर थे। तथा वे सभी एजेंटों को अपनी कंपनी के कार्यालय में बुलाते और मीटिंग करते थे। जब लोगों द्वारा जमा की गई राशि की परिपक्वता अवधि पूर्ण होने के बाद अपनी जमा राशि की मांग की तो उक्त चारों आरोपी गणों ने सभी को लगभग 1 साल तक टालमटोल करते रहे। बाद में कंपनी के अधिकारियों द्वारा कुछ चेक भी लोगों को दिए।लेकिन वह भी बाउंस हो गए। और लोगों को उनकी जमा राशि प्राप्त नहीं हुई।

बाद में कंपनी ने सारे कार्यालय बंद कर दिए और सभी डायरेक्टर फरार हो गए। और लोगों द्वारा जमा राशि का गबन कर सभी ने आम लोगों के साथ धोखाधड़ी की। जिस पर फरियादी रूपसिंह ने पुलिस थाना मोहन बड़ोदिया में लिखित शिकायत आवेदन दिया। जिस पर थाना मोहन बड़ोदिया ने अपराध क्रमांक 103/ 2016 दर्ज किया। पुलिस द्वारा सभी पीड़ितों के कथन लेकर व दस्तावेजों को जप्त कर अनुसंधान पूर्ण होने पर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय द्वारा प्रकरण में विचारण के दौरान आए साक्ष्य एवं दस्तावेजों के आधार पर अपना निर्णय सुनाते हुए उक्त चारों आरोपियों को अपराध धारा 420 भादवि में पांच 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं ₹ 2000 – 2000 जुर्माना व मध्यप्रदेश निक्षेपको के हितों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6(1) में पांच 5 वर्ष कारावास व ₹ 50000 – 50000 अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही कोर्ट द्वारा उक्त कंपनी की वित्तीय स्थापना को ₹ एक लाख़ के अर्थदंड से दंडित किया। उक्त आरोपियों पर इसी प्रकार के अन्य स्थानों पर भी दर्ज प्रकरण लंबित हैं। कुछ केसों में आरोपियों को सजा भी हो चुकी हैं।