सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 50 गौर बांधवगढ़ किए जाएंगे शिफ्ट

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सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से 50 गौर बांधवगढ़ किए जाएंगे शिफ्ट

भोपाल। प्रदेश में विलुप्त हो रही प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए वन विभाग पहले से ज्यादा कहीं सक्रिय हो गया है। राजसी गौर के संरक्षण को लेकर विभाग गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 50 राजसी गौर को शिफ्ट करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है।

वन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस बार गौर की शिफ्टिंग में किसी बाहरी एजेंसी की मदद नहीं ली जाएगी । शिफ्टिंग की पूरी कार्रवाई को वन विभाग का विशेष अमला अंजाम देगा। इससे पहले संजय डुबरी पार्क में दक्षिण अफ्रीका की एक एजेंसी की मदद से 25 गौर को शिफ्ट किया गया था। मौजूदा समय में प्रदेश में 10000 से लेकर 12000 हजार गौर हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गौर को एक-से दो महीने तक गौर को विशेषज्ञों की निगरानी में रखेंगे उसके बाद खुले जंगल में इन्हें छोड़ दिया जाएगा। विभाग इस कोशिश में लगा हुआ है प्रदेश के जंगलों में जहां गौर की प्रजाति विलुप्त होती जा रही है उन्हें नए सिरे से बसाया जाए। जिससे जंगल अपने मौलिक स्वरूप में एक बार फिर लौट सकें।

गौरतलब है कि बांधवगढ़ में बाघों की संख्या ज्यादा होने से आए दिन टेरेटरी को लेकर बाघों के बीच संघर्ष हो रहा हैं। 2 महीने के अंदर बांधवगढ़ में करीब 6 बाघ मर चुके हैं। जिसकों लेकर वाइल्ड शाखा ने जांच कमेटी गठित कर दी है। गौरों की शिफ्टिंग की इस कार्रवाई से बाघों के आपसी संघर्ष कुछ हद तक कम होने का अनुमान जताया जा रहा है। पहली शिफ्टिंग की कार्रवाई सफल होने के बाद विभाग आगे भी गौर को यहां शिफ्ट करने की दिशा में विचार कर सकता है। विभाग की कोशिश है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों के आपसी संघर्ष को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने की दिशा में मंथन करना शुरू कर दिया है। विभाग की कोशिश है कि मध्यप्रदेश के माथे पर टाइगर स्टेट के ताज का जो तमगा लगा हुआ है वह निरंतर बना रहे है। इसी सिलसिले में वाइल्ड शाखा हर संभव कदम उठा रहा

है।