5th National Water Award : देश के 2 शहरों को पछाड़कर इंदौर बना नंबर-1, राष्ट्रपति के हाथों लिया 5वां नेशनल वाटर अवार्ड!
New Delhi : रतलाम और गुजरात के कच्छ को पछाड़कर इंदौर वेस्टर्न जोन में नेशनल वाटर अवार्ड में अव्वल आया। आज दिल्ली में राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू के हाथों कलेक्टर आशीष सिंह और अन्य अधिकारियों को सम्मानित किया गया। इंदौर में रीचार्ज सॉफ्ट इनोवेशन, नहर, नदी और चैनलों की सफाई कार्यों को सराहना मिली है। 5वें नेशनल वाटर अवार्ड के लिए एक बार फिर देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को सम्मानित किया गया। जल शक्ति मंत्रालय ने इस सम्मान की घोषणा की। इससे पहले चौथे नेशनल अवार्ड में इंदौर देशभर में दूसरे स्थान पर रहा था। इस बार इंदौर ने पहले स्थान पर जगह बनाई। इंदौर में रीचार्ज सॉफ्ट को लेकर हुए इनोवेशन और नहर, नदी और उनके चैनलों की सफाई के कार्यों को सराहना मिली है।
जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार ने 5वें नेशनल वाटर अवार्ड के लिए नामांकन दिसंबर महीने में आमंत्रित किए थे। इसमें वेस्टर्न जोन में इंदौर पहले स्थान पर रहा है। वेस्टर्न जोन में इंदौर सहित कुल तीन शहरों का चयन हुआ था, जिसमें मध्य प्रदश का ही रतलाम और गुजरात का कच्छ शामिल था। तीन जिलों की शार्ट लिस्ट होने के बाद मई में केन्द्रीय दल ने भौतिक सत्यापन किया था। इस टीम ने इंदौर शहरी और ग्रामीण दोनों का अलग-अलग चरणों में परीक्षण किया था। इसमें केंद्रीय जल आयोग के सहायक संचालक सुनील शर्मा, केंद्रीय भूजल बोर्ड के सीनियर साइंटिस्ट चितरंजन बिस्वाल और भू-वैज्ञानिक केएल प्रदीप शामिल थे।
प्रथम अवार्ड के लिए इंदौर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों का समान सहयोग है। केंद्रीय टीम ने इंदौर आकर एक दिन ग्रामीण क्षेत्र में जल स्रोत, संरचनाओं और पानी बचाने के विकल्प का परीक्षण किया था, वहीं एक दिन निगम सीमा में पानी बचाने और जल स्रोत का परीक्षण किया था। टीम ने रीचार्ज सॉफ्ट सहित शहरभर में हुए अलग-अलग पानी बचाने के कामों का दिल्ली में प्रस्तुतिकरण दिया था। यहां रीचार्ज सॉफ्ट की सराहना हुई थी। दावा किया था कि इस माध्यम से सर्वाधिक पानी बचाया जा सकेगा और ऐसा करने वाला इंदौर पहला शहर है।
तीन काम से आगे आया इंदौर
● वाटर रीचार्ज : शहर में निजी और सरकारी इमारतों के अलावा, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और जलजमाव वाले स्थानों पर वाटर रीचार्ज सॉफ्ट बनाए गए हैं।
● नदियों के चैनल की सफाई : शहर के जलस्रोत नदियों में बारिश का पानी अधिक से अधिक आ सके, ताकि पानी का संरक्षण हो और भूजल स्तर में वृद्धि हो, जिसके लिए नदियों और तालाबों के चैनलों की सफाई की गई। शहर में जनभागीदारी से करीब 24 किमी के एक दर्जन चैनलों की सफाई की गई।
● रीयूज वाटर : एसटीपी पर पानी को ट्रीट करने के बाद अलग-अलग उपयोग में लिया गया। शहर में एसटीपी पर पानी को ट्रीट करने के बाद बिल्डिंग निर्माण और गार्डन आदि में उपयोग किया जाता है। 311 ऐप के जरिए इस पानी को आवश्यकता अनुसार बेचा भी जाता है।