

GIS के प्रस्तावों को धरातल पर उतारने 6 स्तरीय प्लान
भोपाल: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार ने छह स्तरीय प्लानिंग की है।सीआरएमप्लेटफार्म के जरिए यह पूरी मानीटरिंग की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव खुद आॅनलाईन देख सकेंगे कि किस तरह के निवेश प्रस्ताव के क्रियान्वंयन की क्या स्थिति है।
इसमें निवेश प्रस्तावों की स्क्रीनिंग और डेटा प्रविष्टि सीारएम प्लेटफार्म में एंट्री, प्राथमिक स्क्रीनिंग एवं सूची का निर्माण एमपीआईडीसी करेगा। इसके बाद विभागवार वर्गीकरण सीआरएम का लॉगिन प्रत्येक विभाग को देने का काम एमपीआईडीसी करेगा। विभाग स्तर से प्रस्तावों को फॉलोअप निवेश राशि के आाधार पर क्षेत्रीय कार्यालय, मुख्यालय और विभाग स्तर पर फॉलोअप किया जाएगा। प्रत्येक विभाग द्वारा रिलेशनशिप मैनेजर की नियुक्ति की जाएगी और आॅटो रिमाइंडर दिया जाएगा। सभी विभाग भी इसकी मानीटरिंग और रिपोर्टिंग करेंगे। सीआरएम में डेटा पडेट विभाग स्तर पर मासिक समीक्षा बैठक की जाएगी। निवेश प्रस्तावों को साकार करने के लिए भूमि आवंटन, अनुमोदन या मंजूरी , क्षेत्रीय कार्यालय, मुख्यालय और विभागों द्वारा की जाएगी। सभी विभाग अपने से जुड़े निवेश प्रस्तावों की त्रैमासिक समीक्षा करेंगे और इन्वेस्टर से फीडबक लिया जाएगा। निवेशकों की प्रतिक्रिया का विश्लेषण और समाधान हेतु फीडबैक व्यवस्था भी संबंधित विभाग ही करेगा।
बनी जीआईएस फॉलोप सेल-जीआईएस के निवेश प्रस्तावों की मानीटरिंग और फॉलोअप के लिए फालोअप सेल(आईएफसी) बनाई गई है। यह ीम विभिन्न स्तरों पर प्रस्तावों का फालोअप करेगी। मुख्यालय स्तर पर फालोटप टीम में ईडी की अध्यक्षता में काम किया जाएगा। उनके नीचे एमपीआईडीसी की लीड टीम काम करेगी। इसके अलावा क्षेत्रीय स्तर पर फालोअप टीम बनाई गई है। इसमें क्षेत्रीय कार्यालय के ईडी की अध्यक्षता में टीम बनाई गई है।एमपीआईडीसी की लीड टीम मुख्यालय से एमपीआईडीसी लीड टीम के एक सदस्य और क्षेत्रीय कार्यालय पर एमपीआईडीसी प्रबंधक कसंलटेंट की टीम बनाई गई है।
ए प्लस कैटेगिरी में पांच हजार करोड़ से अधिक के प्रस्ताव आएंगे। ए कैटेगिरी में एक हजार से 4999 करोड़ के प्रस्ताव, बी प्लस में 500 से 999 करोड़ के प्रस्ताव और कैटेगिरी बी में पांच सौ करोड़ से कम के प्रस्ताव आएंगे। कुल 8 लाख 54 हजार करोड़ के प्रस्ताव उद्योग विभाग के पास आए है। इनमें 4999 करोड़ से उपर के बीस, एक हजार से 4999 करोड़ के 88, पांच सौ से एक हजार करोड़ के 54, 101 से 500 करोड़ के 333, 51 से 100 करोड़ के 240 और पचास करोड़ के 618 प्रस्ताव आए है।
सीआरएम सॉफ्टवेयर से रियल टाईम ट्रेकिंंग-
एमपीआईडीसी मुख्यालय से एडमिन आईडी के माध्यम से सभी निवेश प्रस्तावों की स्थिति किसी भी समय डैशबोर्ड पर ट्रैक किए जा सकेंगे। विभिन्न आरआईसी और स्रोतों से नए निवेश प्रस्तावों को प्राप्त कर उन्हें सीआरएम में प्रबंधित किया जा सकेगा। कस्टमाईजेबल फॉर्म्स और फील्ड के माध्यम से प्रस्तावित निवेश, संपर्क व्यक्ति, भूमि आवश्यकताओं की जानकारी भी संग्रहित की जा सकेगी। निवेश प्रस्ताव को आॅटोमेटेड कार्यप्रवाह के माध्यम से सही लीड मैनेजर और क्षेत्रीय अधिकारी को आवंटित किया जाएगा। सभी निवेश प्रस्तावों की जानकारी एक केंद्रीकृत डेटाबेस में संग्रहित होगी जिसमें निवेश प्रस्ताव की रियल टाईम ट्रेकिंग, उनका क्रमवर प्रबंधन जैसे नया प्रस्ताव, कंपनी से संपर्क स्थापित करने, भूमि उपलब्धता, भूमि आवंटन प्रक्रिया में सीसीआईपी प्रक्रिया में प्रबंधन किया जा सकेगा। कंपनियों के निवेश प्रस्ताव की जानकारी सीधे सीआरएम से ईमेल और व्हाटसएप से भेजी जाएगी। सभी संचार गतिविधियों, ईमेल, कॉल बैठकों को सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाएगा। निवेश प्रस्ताव की स्थिति और कार्यप्रवाह, इतिहास को किसी भी समय देखा जा सकेगा। जिन्हें जमीन आवंटित हो चुकी है और सीसीआईपी प्रस्तावित है उन्हें डील सेक्शन में ट्रांसफर कर उनकी ईज आॅफ डुर्इंग बिजनेस में सहहायता की जाएगी। कन्वर्जन रेट, क्षेत्रवार आरआईसी के अनुसार निवेश प्रगति को प्रमुख संकेतकों में विभाजित कर रिपोर्टिंग और विश्लेषण तथा सिक्योरिटी और यूजर एक्सेस कंट्रोल की व्यवस्था की गई है।
इस रणनीति पर काम-
औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को प्राथमिकता से करके जमीन की उपलब्धता सुनिश्चि करने, प्रस्तावों को भूमि आवंटन, विकास, सेक्टर फोकस्ड और औद्योगिक कल्स्टरें का विकास, जिला स्तर पर कलेक्टर को जमीन और जल की जरुरत से अवगत कराने , प्लग एंड प्ले सुविधा विकसित कर निवेश परिचालन शुरु करवाने पर काम होगा।
इन पार्को में उपलब्ध जमीन-
आष्टा, मोहासा, तारापुर, ढीमरखेड़ा, पीपलरावा, खवासा, बसई, मसवासीग्रांट, सिमरा, पारीछा अहीर, बीना, चैनपुर, गीदन और सागोनी, पोलायकला में 73 फीसदी जमीन उपलब्ध है।
जीआईएस और आरआईसी में 30.77 लाख करोड़ के प्रस्ताव, 21.40 लाख को रोजगार-जीआईएस में कुल 24.51 लाख करोड़ के और आरआईसी तथा इंट्रेक्टिव सेशन में 4.16 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले है। इनसे 21 लाख 40 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। जीआईएस में सर्वाधिक 8.54 लाख करोड़ के प्रस्ताव उद्योग विभाग के है। नवीन एवं नवकरणीय उर्जा विभाग में दूसरे स्थान पर 5.72 करोड़ और तीसरे स्थान पर 3.22 करोड़ के प्रस्ताव खनिज विभाग में आए है। शहरी विकास में 1.97, उर्जा विभाग में 1.47 करोड़ लोक निर्माण विभाग में 1.30 करोड़ के प्रस्ताव आए है। इसके अलावा पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी, तकनीकी शिक्षा, एमएसएमई, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण, चिकित्सा शिक्षा, विमानन विभाग से जुड़े प्रस्ताव मिले है।
भोपाल में सर्वाधिक प्रस्ताव-
जीआईएस में जो प्रस्ताव आए है उनमें भोपाल में सर्वाधिक 1755, इंदैर में 1553, जबलपुर में 616, उज्जैन में 533, सागर में 308, ग्वालियर में 306, रीवा में 296,नर्मदापुरम में 194, चंबल में 154,शहडोल में 146 प्रस्ताव आए है।