बिहार के नवादा में कर्ज के बोझ से दबे परिवार द्वारा आत्महत्या कर लेने के बाद मृतकों को कंधा भी नसीब नहीं हो सका. एक साथ परिवार के छह सदस्यों की मौत से हड़कंप मचा है. मृतक केदार का इकलौता बेटा बचा है अमित जो आग देने के लिए गुरुवार की रात अपनी बहन गुंजा के साथ नवादा पहुंचा. परिवार के अन्य सदस्य और समाजसेवी शवों को वैन से लेकर मुक्तिधाम आए. यहां अमित ने अंतिम संस्कार किया.
परिवार के अन्य सदस्यों, समाजसेवी के साथ पुलिस भी साथ आई थी. श्मशान घाट पर सभी शवों को एक ही चिता पर रखा गया. एक साथ शवों को जलाया गया. यह दृश्य दिल दहलाने वाला था. मौके पर मौजूद लोग भी इसे देखकर भावुक हो रहे थे. इस दौरान लोग अमित को सहारा देते भी दिखे. मृतक केदार के बड़े बेटे अमित ने अपने पिता, मां, भाई और बहनों को एक-एक कर मुखाग्नि दी.
पांच सदस्यों की चिता सजते ही आई छठी मौत की खबर
बता दें कि पूरे परिवार ने बुधवार की देर रात जहर खाया. पांच सदस्यों की मौत हो गई. गुरुवार की देर शाम 15 साल की साक्षी ने भी इलाज के क्रम में पावापुरी विम्स में दम तोड़ दिया. इससे पहले पांच मृतकों की चिता सजा दी गई थी. अंतिम संस्कार की तैयारी थी. तभी साक्षी की भी मौत की खबर आ गई. लिहाजा पांचों का दाह संस्कार रोक दिया गया. फिर परिवार के छठे सदस्य का शव आने पर नवादा के बिहारी घाट पर उसकी भी चिता साथ में सजाई गई.
दाह संस्कार से पहले सदर अस्पताल में सभी शवों का पोस्टमार्टम किया गया. इस दौरान सदर अस्पताल में लोगों की भीड़ जुटी रही. हर कोई इस घटना से स्तब्ध था. पहले पांच शवों को मृतक केदार के छोटे भाई राजकुमार लाल मुखाग्नि देने वाले थे. सारी तैयारी भी हो गई थी लेकिन छठे मौत के बाद सब रोक दिया गया. इसके बाद अमित ने शुक्रवार को सबका अंतिम संस्कार किया.