6th Day of Survey in Bhojshala : सर्वे के 6ठे दिन भोजशाला के पिछले हिस्से में सर्वे का काम शुरू!

देखिए VDO : हिंदू पक्ष के आशीष गोयल ने एएसआई के सर्वे पर संतोष जताया!

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6th Day of Survey in Bhojshala : सर्वे के 6ठे दिन भोजशाला के पिछले हिस्से में सर्वे का काम शुरू!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट 

 

Dhar : भोजशाला में आज एएसआई के सर्वे के छठे दिन टीम आधुनिक उपकरणों के साथ 7: 50 बजे भोजशाला परिसर पहुंची। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष की ओर से याचिकाकर्ता आशीष गोयल एवं गोपाल शर्मा तथा मुस्लिम पक्ष की ओर से अब्दुल समद भी सर्वे टीम के साथ मौजूद गए हैं। कल मंगलवार को भी टीम 7. 15 पर भोजशाला पहुँची थी और सर्वे कार्य किया था। मंगलवार होने की वजह से बड़ी संख्या में हिंदू श्रद्दालुओं ने भोजशाला में हनुमान चालीसा का पाठ किया और पूजा अर्चना की।

आज पहली बार याचिकाकर्ता और हिंदू पक्ष के आशीष गोयल ने मीडिया से बातचीत की और सर्वे के प्रति संतोष जताया। उन्होंने सर्वे के नतीजों पर कोई टिप्पणी नहीं की। आशीष गोयल ने बताया कि परिसर के 50 मीटर में हाई कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक एएसआई सर्वे का काम कर रही है। पूरा काम वैज्ञानिक ढंग से हो रहा है। कार्बन डेटिंग की जा रही है लेकिन किसी भी मोनुमेंट्स को इससे नुकसान नहीं पहुंच रहा। उन्होंने यह भी बताया कि हाई कोर्ट ने 34 पेज के अपने निर्देशों में स्पष्ट लिखा है उसी के मुताबिक काम किया जा रहा है।

सर्वे के लिए भोजशाला को दो हिस्सों में बांटा गया है। अभी तक अगले हिस्से का काम जारी था। बताया गया कि अगले हिस्से के काम को मंगलवार को खत्म कर दिया गया। इसके बाद इस हिस्से को सील कर दिया जाएगा। फिर दूसरे यानी पिछले हिस्से का काम शुरू होगा। अभी तक टीम ने भोजशाला के पिछले हिस्से में गेट के नीचे और गर्भ गृह की तरफ खुदाई की। जिसमें 25 मजदूर लगाए गए थे। 30 फीट तक जमीन में दबी वस्तुओं को ढूंढ़ लेने वाली ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकनीक से स्कैनिंग की।

ASI ने अब तक क्या क्या किया

 

● भोजशाला परिसर को अंदर और बाहर से नापा गया। लंबाई और चौड़ाई का मेजरमेंट मिलाया गया।

● भोजशाला के अंदर और बाहर से मिट्टी के सैंपल लिए गए।

खुदाई करके निकाले गए पत्थरों के सैंपल लिए गए, जिससे भोजशाला की सही उम्र पता का पता लगाया जा सके।

● भोजशाला के अंदर मौजूद पत्थरों पर मौजूद कलाकृतियों को रिकॉर्ड किया और उनके सबूत लिए।

● भोजशाला के बाहरी हिस्से में अबतक 3 पांच से 6 फीट तक के गड्डे खोदे गए, जिससे मिट्टी और पत्थर निकाले गए।

● भोजशाला के बाहर कमाल मौला मज्जिद तक मार्किंग की गई।

● अष्टकमल और चबूतरा भोजशाला के केंद्र बिंदु की तरह है। हिंदू पक्ष इसे गर्भगृह की तरह मानते हैं। वे हर मंगलवार मां वाग्देवी की मूर्ति रखकर पूजा करते हैं। यहीं मौजूद गुंबद पर अष्टकमल की आकृतियां भी हैं। बारीकी से इस पूरे क्षेत्र को टीम ने स्कैन किया गया।

● गर्भगृह से लगे स्थान के पास एक चबूतरा है। इसे संत के प्रवचन वाले स्थान के रूप में माना जाना है। इस स्थान को मुस्लिम पक्ष भी अहम मानता है।

 

वैज्ञानिक सर्वे में ऐसे तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखकर सर्वे की प्रक्रिया की जा रही है।