GIS के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने 14 औद्योगिक क्षेत्रों में 73 फीसदी जमीन

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GIS के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने 14 औद्योगिक क्षेत्रों में 73 फीसदी जमीन

 

भोपाल:ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने राज्य सरकार प्रदेश के चौदह औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन उपलब्ध कराएगी। इसके लिए जमीनों का चिन्हांकन कर लिया गया है। इन औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 11 हजार 322 हेक्टेयर जमीन जो कि कुल निवेश प्रस्ताव का 73 फीसदी है उपलब्ध है। प्रस्तावों को धरातल पर लाने की रणनीति पर काम भी शुरु हो गया है। इसमें जिले से लेकर राज्य स्तर पर विभिन्न विभागों के अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी सौपी गई है।
जीआईएस में जो निवेश प्रस्ताव मिले है उनमें 73 फीसदी हिस्सा प्रदेश के चौदह औद्योगिक पार्क और औद्योगिक क्षेत्रों में आता है। औद्योगिक क्षेत्र क्लस्टर आष्टा में 2 हजार 766 एकड़ जमीन पर निवेशकों को जमीन आवंटन किया जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र मसवासी ग्रांट सागर में 2 हजार 386 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। औद्योगिक क्षेत्र बीना में एक हजार 577 हेक्टेयर जमीन निवेशकों को दी जाएगी।औद्योगिक क्षेत्र मोहासा बाबई फेस दो में 1038 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है। इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र तारापुर जिला धार, औद्योगिक क्षेत्र ढीमरखेड़ा जिला कटनी, औद्योगिक क्षेत्र देवास पीपलरावां, औद्योगिक क्षेत्र खवासा जिला झाबुआ, औद्योगिक पार्क बसई जिला मंदसौर, औद्योगिक क्षेत्र मसवासीग्रांट सागर, औद्योगिक क्षेत्र सिमरा जिला कटनी, औद्योगिक क्षेत्र पारीछा अहीर जिला शिवपुरी, औद्योगिक क्षेत्र बीना, औद्योगिक क्षेत्र चैनपुर जिला गुना, गीदन और सागोनी जिला दमोह, औद्योगिक पार्क शाजापुर पोलायकला शाजापुर में 11 हजार 322 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है जिन पर इन सभी निवेशकों को उनके प्रस्तावों के अनुरुप जमीन दी जाएगी और यहां उद्योग शुरु होंगे।
इस रणनीति पर हो रहा काम-जीआईएस 2025 में प्राप्त निवेश प्रस्तावों को सरलीकृत भूमि आवंटन किया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को प्राथमिकता से करके औद्योगिक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। सेक्टर फोकस्ड औद्योगिक क्लस्टरों का विकास किया जा रहा है। जिला स्तर पर सभी कलेक्टरों को कहा गया है कि वे भूमि और जल की आवश्यकता से अवगत कराएं। प्लग एंड प्ले सुविधा शुरु की गई है जिससे यह सुनिश्चित किया जा रहाहै कि निवेशक शीघ्रता से परिचालन शुरु कर सकें। प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्रों को प्राथमिकता से विकसित किया जा रहा है।
पच्चीस करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिए महाप्रबंधक और प्रबंधक स्तर के अफसर-
जीआईएस में आए निवेश प्रस्तावों में पच्चीस करोड़ से अधिक के प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए महाप्रबंधक और प्रबंधक स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। उद्योग स्थापित करने के लिए निश्चित समयसीमा में आॅनलाईन माध्यम से भूमि आवंटन किया जा रहा है विभग द्वारा दी जा रही सेवाओं को मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अधीन लाकर उन्हें समयबद्ध प्रदान किया जा रहा है। नीति के अंतर्गत सुविधाओं को आॅनलाईन माध्यम से प्रदाय करने की व्यवस्था की गई है।अधिकाधिक इकाईयों को मध्यप्रदेश उद्योगों की स्थापना एवं परिचालन का सरलीकरण अधिनियम के अंतर्गत सहयोग दिया जा रहा है। विभागीय सुविधाओं को प्रदान करने के लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है और वांछित दस्तावेजों मेें कमी की गई है।
इन्वेस्टमेंट प्रमोशन सेल कर रही साप्ताहिक समीक्षा-
उद्योग संचालनालय स्तर पर इन्वेस्टमेंट प्रमोशन सेल गठित कर साप्ताहिक आधार पर प्रगति की समीक्षा की जा रही है। विभाग के कार्य क्षेत्र से बाहर के विषयों को सम्बद्ध जिलों के इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेंटर के समक्ष प्रस्तुत कर आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जा रहा है। निवेश परियोजनाओं एवं औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हेतु सभी आवश्यक अनुमति, अनापत्तियांएवं अनुज्ञप्तियां निर्धारित समयसीमा में जारी की जा रही है। उन मामलों के समाधान के लिए जिनका निराकरण जिला स्तर पर संभव नहीं है राज्य शासन के संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार राज्य के बाहर के निवेशकों से विभागीय कार्यपालिक अधिकारियों द्वारा प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित किया जा रहा है।