महिला उपनिरीक्षक सहित 8 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर: अवैध वसूली, धमकी और पद के दुरुपयोग के आरोपों पर एसपी की सख्त कार्रवाई

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महिला उपनिरीक्षक सहित 8 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर: अवैध वसूली, धमकी और पद के दुरुपयोग के आरोपों पर एसपी की सख्त कार्रवाई

हरदोई: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पुलिस व्यवस्था को लेकर लगातार सामने आ रही गंभीर शिकायतों के बाद पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। भ्रष्टाचार, अवैध वसूली, धमकी और अनुशासनहीन आचरण के मामलों में महिला उपनिरीक्षक सहित कुल आठ पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है और इसे एसपी की जीरो टॉलरेंस नीति के रूप में देखा जा रहा है।

● लगातार मिल रही थीं गंभीर शिकायतें
○ पुलिस अधीक्षक कार्यालय को बीते कुछ समय से पुलिसकर्मियों द्वारा आम नागरिकों को डराने, अवैध धन वसूली करने और पद के दुरुपयोग से जुड़ी शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही थीं। शिकायतों की संख्या और गंभीरता को देखते हुए प्राथमिक स्तर पर गोपनीय जांच कराई गई, जिसमें कई मामलों में आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए।

● पाली थाना क्षेत्र में महिला उपनिरीक्षक पर गंभीर आरोप
○ पाली थाना क्षेत्र में पदस्थ महिला उपनिरीक्षक आकांक्षा सिंह पर आरोप है कि उन्होंने गैंगस्टर एक्ट में जेल भेजने की धमकी देकर लोगों से अवैध धन की मांग की। शिकायतकर्ताओं के अनुसार भय का माहौल बनाकर उनसे वसूली की गई और विरोध करने पर कानूनी कार्रवाई का डर दिखाया गया।

● तीन अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध
○ जांच में सामने आया कि इस पूरे प्रकरण में कांस्टेबल सुरेश शर्मा, कांस्टेबल गुरजीत सिंह और हेड कांस्टेबल अंबुज तिवारी की भूमिका भी संदिग्ध रही। आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने महिला उपनिरीक्षक के साथ मिलकर पद और अधिकार का दुरुपयोग किया और आम नागरिकों को प्रताड़ित किया।

● मल्लावां क्षेत्र में यातायात पुलिस पर अवैध वसूली के आरोप
○ एक अलग मामले में मल्लावां क्षेत्र में यातायात ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ ऑटो चालकों से अवैध वसूली की शिकायतें सामने आईं। आरोप है कि ऑटो चालकों को बेवजह रोका गया, डराया गया और नियमित रूप से पैसे वसूले गए।

● चार यातायात पुलिसकर्मी भी लाइन हाजिर
○ मल्लावां प्रकरण में यातायात उपनिरीक्षक राजेश मिश्रा, कांस्टेबल मनोज सिंह, कांस्टेबल विजय पाल मौर्य और हेड कांस्टेबल राजेश कुमार को दोषी मानते हुए लाइन हाजिर किया गया है। इस कार्रवाई के बाद यातायात शाखा में भी हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

● गोपनीय जांच में आरोप पाए गए सही
○ दोनों मामलों में कराई गई गोपनीय जांच में आरोपों की पुष्टि प्रथम दृष्टया हुई। उपलब्ध तथ्यों और शिकायतों के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए सभी आठ पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से हटाने का आदेश दिया।

● विभागीय जांच के निर्देश, आगे बढ़ेगी कार्रवाई
○ लाइन हाजिर किए गए सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब विस्तृत विभागीय जांच कराई जाएगी। जांच पूरी होने के बाद दोष सिद्ध होने पर निलंबन, सेवा से पृथक करने या अन्य कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

● पुलिस महकमे को सख्त और साफ संदेश
○ इस कार्रवाई से पुलिस महकमे को स्पष्ट संदेश गया है कि भ्रष्टाचार, उगाही और अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में भी इस तरह की शिकायतों पर बिना दबाव के सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।