80 Lakh Books Missing : स्कूलों में बांटने के लिए भेजी 80 लाख किताबें गायब, छपाई के बाद बच्चों तक नहीं पहुंची!

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80 Lakh Books Missing

80 Lakh Books Missing : स्कूलों में बांटने के लिए भेजी 80 लाख किताबें गायब, छपाई के बाद बच्चों तक नहीं पहुंची!

बुक ट्रैकिंग सिस्टम में खुलासा, किताबें जिलों तक पहुंची, पर बच्चों के हाथों में नहीं आई!

Bhopal : मध्यप्रदेश के स्कूलों से 80 लाख किताबें गायब हैं। ये किताबें राज्य शिक्षा केंद्र ने कक्षा 1ली से 8वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए भेजी थी। किताबें जिलों तक पहुंच गई, लेकिन बच्चों के हाथों में नहीं पहुंची। बुक ट्रैकिंग सिस्टम में यह खुलासा हुआ। नि:शुल्क पुस्तक वितरण योजना के तहत स्कूलों में 6 करोड़ 4 लाख किताबें भेजी गईं, इन्हें 66 लाख बच्चों को बांटना था।

अभिभावकों पर से किताबों का बोझ घटाने के लिए प्रदेश में ‘पुस्तक वितरण योजना’ है। सरकारी स्कूलों, मदरसों में कक्षा 1ली से 8वीं तक निशुल्क किताबें बांटी जाती हैं। पिछले साल बांटी गई किताबों की फरवरी के आखिरी सप्ताह में समीक्षा सामने आई। इसके लिए ट्रैकिंग सिस्टम के डाटा का इस्तेमाल हुआ। इसके मुताबिक करीब 65% किताबें विद्यार्थियों तक पहुंची। बाकी स्कूलों में रखी रह गईं। मार्च सत्र का आखिरी महीना है।

प्रदेश के 88,007 स्कूलों में किताबें भेजने के लिए डिस्पैच ऑर्डर जारी किए गए थे। इनमें से 87,211 स्कूलों ने 6 करोड़ 4 लाख 72 हजार किताबें प्राप्त होने की पुष्टि की। वितरण की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 5 करोड़ 20 लाख किताबें बांटी गईं। यानी स्कूलों तक पहुंची और बच्चों को बांटी गई किताबों में करीब 80 लाख किताबों का अंतर रहा। हर बच्चे तक किताबें पहुंचाने के लिए 2021 में ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम शुरू किया गया। इसके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने एप भी तैयार किया।

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मोबाइल से एंट्री में तकनीकी दिक्कत

अधिकारियों ने कहा कि डाटा एंट्री नहीं हो पाई। क्योंकि, हर जिले में किताबें पहुंचीं। लेकिन, डाटा एंट्री में कमी आई, जिससे किताबों की संख्या में अंतर दिखा। अधिकारियों के मुताबिक किताबें बांटने के जिलावार प्रगति रिपोर्ट में सभी किताबें बांटी गईं।

आरके पांडे, कंट्रोलर, राज्य शिक्षा केंद्र का कहना है कि हर बच्चे तक किताबें पहुंच सकें, इसकी मॉनीटरिंग के लिए ट्रैकिंग प्रणाली विकसित की गई। राज्य से ब्लॉक और स्कूल स्तर पर सभी किताबें पहुंची हैं। लेकिन, वितरण के बाद मोबाइल से डाटा एंट्री में कुछ दिक्क्कत आई।

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