कन्या महाविद्यालय में स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श महा शिविर का हुआ आयोजन

176 छात्राओं का नेत्र परीक्षण,250 छात्राओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट,70 छात्राओं का स्त्री रोग परिक्षण,20 छात्राओं ने मनोचिकित्सक से परामर्श लिया।

534

कन्या महाविद्यालय में स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श महा शिविर का हुआ आयोजन

रतलाम

भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी, राष्ट्रीय सेवा योजना,रेड रिबन एवं जय कैला माता शैक्षणिक एवं सामाजिक कल्याण समिति द्वारा संचालित आरोग्य प्रकोष्ठ(जीवन रक्षक मेडिकल इक्यूपमेंट बैंक) मानव स्वार्थ के संयुक्त तत्वावधान में 5 जनवरी 2023 को शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्वास्थ्य परीक्षण एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ छात्राओं द्वारा अतिथियों को रेड रिबन एवं NSS का बैच लगाकर किया गया।इस अवसर सिविल सर्जन डॉ आनंद चन्देलकर,स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ममता शर्मा,डॉ सुनीता गामड़,मनोचिकित्सक डॉ निर्मल जैन,बुरहानी नेत्रालय के डॉ रिंकू बघेल,डॉ सोनी यादव ने छात्राओं को स्वास्थय लाभ के लिए प्रेरित किया।

WhatsApp Image 2023 01 05 at 6.08.35 PM 1

 

डॉ सोनी यादव ने ड्राय आई की समस्याओं पर आंखों की सफाई, संतुलित भोजन एवं मोबाईल कंप्यूटर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाकर रखने के लिए छात्राओं को प्रेरित किया। साथ ही नेत्रदान से जुड़ी भ्रांतियों का निराकरण करते हुए बताया कि समाज में यह भ्रांति फैली हैं कि नेत्रदान के बाद शव कुरूप दिखाई देता है।परंतु ऐसा नहीं है, क्योंकि मृत्युपरांत पूरी आंख न निकालकर केवल कॉर्निया निकल जाता है जिससे चेहरा कुरूप नहीं होता।एक व्यक्ति के नेत्रदान से चार व्यक्तियों को दृष्टि प्राप्त हो सकती है।

HIV, हेपेटाइटिस,कैंसर एवं हाल ही में जिन्हें कोविड-19 हुआ हो वे नेत्रदान नहीं कर सकते।

डॉ. रिंकू बघेल ने छात्राओं से विटामिन ए का सेवन करने से होने वाले लाभ पर प्रकाश डाला।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ममता शर्मा ने छात्राओं के लिए हीमोग्लोबिन की आवश्यकता एवं उसके कम होने से महिलाओं में आने वाली समस्याओं को बताते हुए उनके निवारण के उपाय बताएं।
डॉ सुनीता गामड़ ने भी इस विषय पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि छात्राओं को अपनी डाइट हेबिट सही रखनी चाहिए एवं पानी ज्यादा पीने के लाभ एवं रक्त अल्पता के दुष्परिणामों के बारे में बताया।

पं.विजय शर्मा ने रक्तदान एवं नेत्रदान की आवश्यकता पर जोर डालते हुए ‘” जीते जी रक्तदान एवं मरने के बाद नेत्रदान” का आह्वान किया।रक्तदान एवं नेत्रदान के लिए उचित मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन करने के लिए निर्देशित किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें डॉ आर.के.कटारे ने छात्राओं को मानसिक एवं शारीरिक स्वस्थता बनाएं रखने के लिए प्रोत्साहित किया।प्राचार्य ने छात्राओं को आश्वस्त किया कि इस प्रकार के कार्यक्रम महाविद्यालय में आयोजित करते रहेंगे।जिससे छात्राएं अपना स्वास्थ्य लाभ ले सके।साथ ही उन्होंने छात्राओं को नेत्रदान के लिए भी प्रेरित किया।
इस अवसर पर नेत्रदान,यातायात सुरक्षा,ऊर्जा संरक्षण के संकल्प पत्र एवं हस्ताक्षर अभियान भी किया गया।

WhatsApp Image 2023 01 05 at 6.08.34 PM

महाविद्यालय के 8 प्राध्यापकों एवम 9 छात्राओं ने नेत्रदान का संकल्प पत्र भरकर नेत्रदान अभियान का प्रारंभ किया।
आयोजित शिविर में 176 छात्राओं का नेत्र परीक्षण कर उन्हें परामर्श दिया गया।
250 छात्राओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट किया गया साथ ही 70 छात्रों ने स्त्रीरोग विशेषज्ञ से एवम 20 छात्राओं ने मनोचिकित्सक से परामर्श प्राप्त किया।डॉ निर्मल जैन ने बताया कि अधिकांश छहतरों में परफॉर्मेंस एंजाइटी देखी गई।इस हेतु छात्राओ को परामर्श दिया गया।हीमोग्लोबिन टेस्ट वरिष्ठ अधिकारी जिला चिकित्सालय श्रीमती वीणा गोयल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में जय कैला माता संस्था अध्यक्ष श्रीमती आभा शर्मा,विधि सलाहकर विजेंद्र सिंह राजावत,बुरहानी हॉस्पिटल रतलाम के सचिव मुस्तफा रुनीजा वाला,प्रबंधक मंसूर अली हाशमी,फिदा अली,सलीम आरिफ आदि ने अपनी सेवाएँ प्रदान की।

यह रहें मौजूद
इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ सुरेश कटारिया,डॉ सुषमा कटारे,डॉ अनिल जैन,डॉ सुरेश चौहान,डॉ वी के जैन,डॉ विनोद जैन,डॉ सारा अत्तारी,डॉ मधु गुप्ता डॉ एम जोशी डॉ मदन लाल गांगले,डॉ पुष्पा कपूर,प्रो नारायण विश्कर्मा,डॉ संध्या सक्सेना,डॉ सरोज खरे,डॉ सुप्रिया पैठनकर,डॉ माणिक डांगे,डॉ मीना सिसौदिया,डॉ बी वर्षा, डॉ स्नेहा पंडित,डॉ वी एस बामनिया,डॉ रोशनी रावत,डॉ आनंद सिंदल,प्रो रविराज विश्वकर्मा,डॉ स्वर्णलता ठन्ना,प्रो एस पी गिरी,डॉ दिवाकर भटेले, प्रो प्रीति शर्मा एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं एवं कार्यक्रम का लाभ लिया।

संचालन तथा आभार
कार्यक्रम का संचालन डॉ अनामिका सारस्वत एवं रोशनी रावत तथा आभार प्रोफेसर नीलोफर खामोशी ने माना।