यह चुनावी साल का पहला सामाजिक समागम है…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
राजपूत समाज सम्मेलन के साथ सरकार का चुनावी साल का समाजों को साधने का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजपूत समाज सम्मेलन में महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं का समाज के साथ-साथ प्रदेश और देश के गौरव, हिंदुत्व और देशभक्ति से सीधा संबंध है।
घोषणाओं पर एक नजर डालें तो पहली घोषणा है कि महाराणा प्रताप की जयंती पर प्रदेश में अवकाश रखा जाएगा। महाराणा प्रताप यानि देश की आन, बान और शान के प्रतीक, शौर्य के पर्याय और मुगलों के खिलाफ कट्टर हिंदुत्व की मिसाल पेश करने वाले एकमात्र शासक। तो शायद समझने के लिए काफी है कि महाराणा प्रताप की जयंती का अवकाश केवल क्षत्रिय समाज को नहीं, बल्कि हर मध्यप्रदेशवासी और देशवासी को गौरवान्वित करेगा। दूसरी घोषणा कि फिल्म पदमावत पर प्रतिबंध की मांग को लेकर हुए आंदोलनों संबंधी प्रकरण वापस लिए जाएंगे यानि करणी समाज के हिंसक प्रतिरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार में लिया गया है। तीसरी घोषणा कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास बनाने के संबंध में समाज के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।
यह निश्चित तौर से सरकार की नेकनियती का प्रमाण है।प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों से कम परीक्षा शुल्क लिया जाएगा। यह सरकार का सकारात्मक नजरिया है। ऐतिहासिक तथ्यों और परिवारों की वंशावली आदि से छेड़छाड़ करने वालों पर कानून कार्यवाही की जाएगी। यह कानूनी प्रावधान राजपूत के साथ ही सभी समाजों को लाभ पहुंचाएगा। पाठ्यक्रम समिति में एक प्रतिनिधि राजपूत समाज का होगा। यह समाज को गौरवान्वित करेगा तो सरकार के काम को भी सहज करेगा। इतिहास के पाठ्यक्रमों की गड़बड़ियों को ठीक किया जाएगा, जो कि सभी के लिए जरूरी प्रावधान माना जा सकता है। सामान्य वर्ग के गरीब विद्यार्थियों को विशेष सहयोग की व्यवस्था की जाएगी। यह क्षत्रिय सहित सामान्य वर्ग तक विस्तारित होकर सरकार की दूरदर्शिता मानी जा सकती है।
सवर्ण आयोग में एक राजपूत क्षत्रिय प्रतिनिधि आवश्यक रूप से सम्मिलित किया जाएगा। यह क्षत्रिय वर्ग के प्रति सम्मान का सरकार का भाव जो चुनावी साल के अलावा भी स्थायी लाभ का प्रावधान है।सीडीएस स्व. श्री विपिन रावत की प्रतिमा लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। स्थानीय निकाय की सहायता से प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह कदम भी सभी देशवासियों को गौरवान्वित करेगा। राजपूत क्षत्रिय समाज के युवाओं को जरूरत पड़ने पर आर्थिक सहयोग के लिए सहकारिता विभाग द्वारा केस क्रेडिट सोसाइटी बनाई जाएगी। राज्य शासन उसमें सहयोग करेगा। यह प्रयोग भी सभी वर्गों के युवाओं तक विस्तार के योग्य है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए आरक्षण में आय सीमा 8 लाख रूपये तक होगी। यह प्रावधान पहले से तय है।
गौशालाओं को अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा तथा गाय के गोबर व गौमूत्र खरीदने-बेचने की पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध की जाएगी। यह प्रावधान भी सरकार की नीति का हिस्सा है। महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित करने के लिए चर्चा कर कदम उठाए जायेंगे। भोपाल स्थित मनुआभान की टेकरी पर रानी पद्मावती की मूर्ति स्थापित करने के लिए भूमि पूजन किया जाना क्षत्रिय समाज के लिए गौरव से भरने का पल है। एमपीपीएससी की भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यार्थियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था होगी। यह प्रावधान भी सभी वर्गों को समाहित करने वाला है।
केवल अपने नहीं, देश के गौरव है यह। विकास स्तंभ, प्रेरणा स्त्रोत उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाएं और इसीलिए उस दिन सार्वजनिक अवकाश रखा जाएगा। जन्मदिन हमेशा मनाया जाता है और अब धूमधाम से मनाया जाएगा, जिससे सारा देश देखता रह जाए। महाराज छत्रसाल का जन्म दिन भी उसी दिन है। जय राणा प्रताप की जय महाराजा छत्रसाल की धूमधाम से जन्म दिन मनेंगे। वह सबके गर्व और गौरव हैं, देशभक्ति के पर्याय हैं, स्वाभिमान के प्रतीक हैं, मैं उनके चरणों में शत शत नमन करता हूं। यही शिवराज का भाव है और यही समाज की सोच की संतुष्टि का भी नजरिया भी है।
शिवराज ने बताया कि बीच में जब फिल्म आई थी पद्मावत बाद में नाम दिया, आगर की धरती पर सबसे पहले किसी ने बैन लगाया था तो मैंने लगाया था, मध्य प्रदेश की सरकार ने लगाया था। हमने कहा इस फिल्म को नहीं चलने देंगे अब उस समय के बच्चों पर केस बन गए वह सारे केस वापस ले लिए जाएंगे कोई चिंता की बात नहीं। यानि कि राजपूत समाज को जो दिया जा सकता है दिल से दिल का रिश्ता जोड़ने के लिए वह सब दे दिया। और यदि कुछ बचा है तो वह फिर से समझने में कोई दिक्कत नहीं।यह चुनावी साल का पहला सामाजिक समागम है… समाजों के सम्मेलन का यह सिलसिला चलता रहेगा।