First Case In Badwani District: महिला ने दो जुड़े बच्चों को दिया जन्म, हालत गंभीर होने पर इंदौर रैफर

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First Case In Badwani District: महिला ने दो जुड़े बच्चों को दिया जन्म, हालत गंभीर होने पर इंदौर रैफर

बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

बड़वानी: जिला महिला अस्पताल में एक महिला ने जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया। ये दोनों बच्चे आपस में जुड़े थे। दोनों बच्चे फिलहाल स्वस्थ है। सिलावद के पास रेहगुन गांव निवासी महिला अनिता पति आशु ने सोमवार रात महिला को प्रसुति पीड़ा होने पर उसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मेणीमाता लेकर पहुंचे। जहां से उन्हें महिला एवं प्रसुति जिला चिकित्सालय बड़वानी में भर्ती करवाया गया।

सोमवार रात महिला ने ऑपरेशन से जुड़ी हुई 2 बच्चियों को जन्म दिया। दोनों जुड़वां बच्चियों का जन्म के समय वजन 3.600 ग्राम था। बच्चियों को सांस लेने में दिक्कत आने से इंदौर रैफर किया है। चिकित्सक मनोज खन्ना ने बताया कि बड़वानी जिले का ये पहला मामला उनके सामने आया है। हांलांकि उच्च स्तरीय जांच के बाद आगे का उपचार करने के लिए इंदौर रैफर किया गया है।

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वर्ष 2020 में रेहगुन निवासी आशु से ससुस्तीखेड़ा निवासी अनिता बाई का विवाह हुआ था। ये उनकी पहली संतान थी। नवजात शिशुओं को जहां इंदौर रैफर किया गया है। वहीं प्रसुता महिला का उपचार बड़वानी अस्पताल में जारी है। महिला रोग विशेषज्ञ ने बताया कि ऐसे केस रियर ही आते है। मैं नाइट शिफ्ट में थी। जब ये करीब 8 बजे अनिता नाम की पेसेंट आई। जिसे भर्ती किया गया। करीब 9 बजे दर्द ज्यादा होने लगे जिसे लेबर रूम में ले जाया गया। जहां प्राथमिक तौर पर नार्मल डिलवरी की कोशिश की गई, जो नहीं हो पाई, जिससे अगले प्लान में ऑपरेशन रूम में ले जाया गया। बड़ी मशक्कत के बाद जहां 12.10 बजे ऑपरेशन से 2 लड़कियां हुई जो आपस में जुड़ी हुई थी। जिनका वजन 3 किलो 600 ग्राम था। माता की तबीयत स्वस्थ थी। वहीं मेरे 10 साल से ज्यादा इस फील्ड में हो गया है, लेकिन मेरे सामने ऐसा केस नहीं आया था। ये पहला अनुभव था।

डॉ. मनोज खन्ना ने बताया कि रात के 12 बजकर 9 मिनट पर महिला ने आपरेशन से जुड़वा शरीर के बच्चों को जन्म दिया। जिसके बाद दोनों बच्चों को स्टेबल कर आईसीयू में एडमिट कर आगे के उपचार हेतु इंदौर रैफर किया गया है,जुडवा बच्चे जन्म के समय ठीक थे। ऐसे काफी दुर्लभ मामलों में से एक हैं, जिसमें 2 बच्चे आपस में जुड़े हुए रहते है। जिंदा रहने की उम्मीद कम रहती है। इनका शरीर आपस में जुड़ा हुआ रहता है। ऑपरेशन कर इनके जुड़े हुए शरीर को अलग किया जा सकता है।