शिवराज की नसीहत खुद को अच्छा साबित करे हर पार्टी कार्यकर्ता…

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मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में ताकत झोंकती भाजपा!

शिवराज की नसीहत खुद को अच्छा साबित करे हर पार्टी कार्यकर्ता…

विधायक, सांसद, संगठन में ज्यादातर पदों का दायित्व निर्वहन और मध्यप्रदेश के चार बार-करीब सोलह साल के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शायद अब यह साबित करने की कतई जरूरत नहीं है कि वह भाजपा के श्रेष्ठ कार्यकर्ताओं में शुमार हैं। यह बात और है कि खुद के बहाने शिवराज कार्यकर्ताओं को यह बार-बार याद दिलाते हैं कि जरूरत पड़े तो कालीन उठाने का पार्टी का काम करने से कोई परहेज नहीं करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि वह यह कागजी बात जुबान पर लाते हों, बल्कि दरी बिछाने से लाठी खाने तक के सारे काम पार्टी के प्रति समर्पित होकर शिवराज ने किए भी हैं। सहजता, सरलता, विनम्रता, कर्मठता, त्याग और समर्पण जैसे शब्द शिवराज के लिए प्रयोग होना आम बात है। इसमें किसी को भी आश्चर्य की कोई गुंजाइश भी नहीं है। ऐसे में जबकि मध्यप्रदेश में चुनावी साल ने आहट दे दी है, अब शिवराज को लेकर बदलाव की संभावना निराधार जैसी है। फिर भी इस तरह के सवाल के जरिए अक्सर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी के पहली पंक्ति के नेता से कार्यकर्ता तक की यात्रा कर अपने पुराने दिन भी याद कर लेते हैं।
वैसे यदि 21 वीं सदी में किसी भी राजनैतिक दल की बात करें तो शायद कालीन या दरी बिछाने का काम तो पूरी तरह से बंद ही हो चुका है। अब तो सोफा और कुर्सियों का दौर है। बड़े-बड़े टेंट लगते हैं, म्यूजिक सिस्टम लगते हैं या फिर कन्वेंशन सेंटर और होटलों में पार्टी के कार्यक्रम होते हैं। पार्टी कार्यालय भी छोटे-मोटे ऑडिटोरियम हॉल और‌ कांफ्रेंस हॉल से सुसज्जित होते हैं। यहां से भी कालीन-दरियां गायब हो गई हैं। फिर भी शिवराज जैसे नेता एक कार्यकर्ता को यही संदेश देते हैं कि पार्टी के लिए जो भी काम करने का अवसर मिले, वह पूरी निष्ठा और समर्पण से करना चाहिए। यह अपेक्षा कतई नहीं करना चाहिए कि पार्टी से क्या मिल रहा है?

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वैसे शिवराज की इस नसीहत को मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के सदस्य गौर से सुन सकते हैं। मंत्रियों में भी यही भाव होना चाहिए जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में है। यानि कि पार्टी के अच्छे कार्यकर्ता होने का भाव। मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं और अच्छा परफोर्मेंस न कर पाए मंत्रियों की छुट्टी होने की चर्चा खूब चल रही है। ऐसे में सीधी सी नसीहत यही है कि पदच्युत हुए मंत्री अच्छे कार्यकर्ता भाव को याद रखें और पार्टी के प्रति श्रेष्ठ समर्पण का उदाहरण पेश करने का अवसर न गंवाएं। और इससे आगे सोचा जाए तो यह चुनावी साल है और आगे कई मंत्रियों और विधायकों के टिकट भी कटना तय है। ऐसे में वह मंत्री-विधायक भी कार्यकर्ता के उस श्रेष्ठ भाव को जेहन में रखें, जो एक अच्छे पार्टी कार्यकर्ता की तरह शिवराज सिंह चौहान के जेहन में है।
तो भाजपा का हर कार्यकर्ता यह याद रखे कि एक अच्छा कार्यकर्ता वह है जो अपने बारे में खुद निर्णय न ले। यह पार्टी को तय‌ करना है कि कौन सा कार्यकर्ता उसके लिए किस स्तर पर फायदेमंद है। पार्टी में आगे होकर कोई कार्यकर्ता अपनी भूमिका तय न करे। पार्टी में किसी भी योगदान के लिए खुद फैसला न करे। पार्टी जो फैसला करे वही स्वीकार करे। चुनावी साल में कार्यकर्ताओं का यह श्रेष्ठतम योगदान है और भाजपा के हर कार्यकर्ता को यह समझ लेना चाहिए कि उसे खुद को शिवराज की तरह एक अच्छा पार्टी कार्यकर्ता साबित कर दिखाना है…।