IT Tax Slab : इस बजट में पूरी होंगी मिडिल क्लास की उम्मीदें?
New Delhi : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा। अगले साल लोकसभा चुनाव भी होना है, इसलिए लोगों को और खासकर मध्यम वर्ग को उम्मीद है कि इस बार बजट में उनके लिए जरूर कुछ ख़ास होगा। वित्तमंत्री 9 साल से सूखे पड़े इनकम टैक्स स्लैब में जरूर कुछ बदलाव करेंगी। अभी ये सिर्फ कयास है, कहा नहीं जा सकता कि क्या कुछ होगा! सरकार द्वारा आखिरी बार इनकम टैक्स में छूट साल 2014 में दी गई थी। उसके बाद 9 साल से इनकम टैक्स स्लैब में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला। हालांकि, पिछले साल के बजट (Budget 2022-23) में सरकार ने थोड़ा बदलाव जरूर किया था।
मिडिल क्लास देश का सबसे मजबूत स्तम्भ है, ऐसे में हर बार इसे नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा। शायद इस बार सरकार मध्यम वर्ग को टैक्स में रियायत दे। देखना होगा कि इस बार बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स में छूट देकर आम आदमी की जेब को मालामाल करेंगी या फिर जो सूखा मिडिल क्लास 9 साल से झेल रहा है, वो ऐसे ही बरकरार रहेगा।
वर्तमान में इनकम टैक्स स्लैब
कारोबार, नौकरी या अन्य किसी पेशे से आमदनी करने वालों को सरकार को टैक्स (आईटी) देना जरूरी होता है। वर्तमान में टैक्स स्लैब इस प्रकार है। 2.5 लाख रुपए तक की आमदनी पर आप को कोई टैक्स नहीं देना होता है। अगर आपकी आमदनी 2.5 से 5 लाख रुपये तक है, तो आप 5% टैक्स स्लैब में आ जाएंगे। 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपए तक की आमदनी पर 10% टैक्स स्लैब लागू हो जाता है। 7.5 लाख से 10 लाख की कमाई पर आपको 15% टैक्स देना होता है। 10 लाख से 12.5 लाख रुपए की इनकम पर 20% टैक्स दर लागू होती है। 12.5 लाख 15 लाख की कमाई पर 25% टैक्स स्लैब है। पर यदि इनकम 25 लाख रुपए से ज्यादा से ज्यादा है तो 30% टैक्स देना होगा।
मिडिल क्लास का अर्थव्यवस्था में योगदान
आर्थिक अनुसंधान संगठन ‘पीपल रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी’ (PR0ICE) ने भारत की आबादी की आर्थिक समीक्षा पर एक सर्वे पेश किया। इस रिपोर्ट में बताया था कि 2004-2005 में माध्यम वर्ग की आबादी 16% थी, जो 2021-2022 में बढ़कर 31% हो गई। रिपोर्ट में ये बताया गया है कि 2047 तक ये संख्या 63% हो जाएगी।