Sub Engineers Did Not Get Relief From High Court: अदालत ने तीन उप यंत्रियों की सेवा समाप्ति को सही ठहराया

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Sub Engineers Did Not Get Relief From High Court: अदालत ने तीन उप यंत्रियों की सेवा समाप्ति को सही ठहराया

 

छतरपुर: गबन के आरोपियों की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने तीन उप-यंत्रियों की सेवा समाप्ति के आदेश पर मुहर लगा दी है। जनपद पंचायत लवकुशनगर में पदस्थ उपयंत्री पुष्पेंद्र पयासी व बकस्वाहा जनपद में पदस्थ उपयंत्री एमके कोरी सहित एक अन्य उपयंत्री द्वारा वर्ष 2017 में बड़ामलहरा जनपद में पदस्थ रहते करीब 3 करोड़ रुपए के मौके पर कार्य न कराकर सरकारी राशि खुर्द-बुर्द की गई थी।

कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा मौके पर जांच के दौरान पाया कि पंचायतों में नाडेप बोल्डर चैक बर्मी कम्पोस्ट, स्ट्रैगार्ड ट्रेंच व नाली निर्माण के कार्य मौके पर नहीं कराए गए थे।

 

गबन के आरोप में तीनों संविदा उपयंत्रियों की सेवाएं 4 सितंबर 2017 को तत्कालीन जिला CEO हर्ष दीक्षित ने समाप्त कर दी थीं। इसके बाद मामला हाईकोर्ट जबलपुर पहुंच गया था। हाईकोर्ट जबलपुर ने अपना फैसला सुनाते हुए जिला सीईओ के 4 सितंबर को जारी आदेश को सही ठहराया। उपयंत्री पुष्पेंद्र पयासी, आरके कोरी व अमित वर्मा की सेवाएं समाप्त की गईं। जिसमें से अमित वर्मा की बीमारी के चलते मौत हो चुकी है।

 

● *जांच में सामने आई सच्चाई..*

 

विभागीय जांच में ये बात सच साबित हो गई कि संविदा उपयंत्रियों ने रातों रात मालामाल होने के लिए मनरेगा के निर्माण कार्यो में नाडेप, स्ट्रेगार्ड ट्रंच, नाली निर्माण और डाईक सह बोल्डर चेक डेम के जरिए बड़े पैमाने पर मनमानी करके साढ़़े तीन करोड़ रुपए से अधिक का बड़ा घोटाला किया है। जांच में ये पाया गया कि संविदा उपयंत्री पुष्पेंद्र पयासी पर 1 करोड़ 96 लाख रुपए, अमित वर्मा पर 64.79 लाख रुपए, आर.के कोरी पर 29. 87 लाख रुपए, बी.के. संज्ञा पर 14.93 लाख रुपए, रविंद्र सुल्लेरे पर 20 हजार रुपए, दिनेश जैन पर 1.64 लाख रुपए का घोटाला करने के आरोप पूरी तरह से सत्य हैं।

जांच रिपोर्ट सामने आते ही ये बात भी साबित हो गई कि पद मिलते ही संविदा उपयंत्रियों ने पदीय कर्तव्यों का दुरूपयोग करके मनरेगा अधिनियम 2005 के प्रावधानों के विपरीत निर्माण स्थल का निरीक्षण किए बिना कार्यों का पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन करने में गंभीर लापरवाही की है।

 

● *इन निर्माण कार्यो में हुआ घोटाला..*

 

बड़ामलहरा जनपद पंचायत की पंचायतों में अधिकारियों, कर्मचारियों व सरपंचों ने मिलकर निर्माण कार्य में जमकर धांधली की। बोल्डर चैक डेम, नाडेप निर्माण, स्टेगार्ड ट्रिंप, वर्मी कमपोस्ट निर्माण में ये गड़बड़ी की गई। बोल्डर चेक डेंप में ग्राम पंचायत देवरान, भोयरा, मेलवार, कुटोरा, रानीताल, सिग्रामपुरा, डोगरपुरा, अंधियारा, बंधा चमरोई में 81.07 लाख रुपए से बोल्डर चेक डेंप का निर्माण कर अनियंत्रित भुगतान सरपंच-सचिव और रोजगार सहायक द्वारा किया गया है।

 

नाडेप निर्माण में ग्राम पंचायत विक्रमपुरा, मनकारी, अंधियारा, बोंकना, देवपुर द्वितीय, डोगरपुरा, बंधा चमरोई, सड़वा, पिपराकलां, झिगरी, सूरजपुराखुर्द, मुगवारी, रजपुरा, सतपारा सहित एक अन्य पंचायत में करीब 59.19 रुपए का नाडेप निर्माण के रुप में गबन किया गया है। स्ट्रेगार्ड ट्रिंप में ग्राम पंचायत देवपुर द्वितीय, डोगरपुरा, मुगवारी, बंधा चमरोई, बमनी, अंधियारा, कुड़ीला, भोयरा, भेल्दा, पीरा, घिनौची, फुटवारी, भोजपुरा, राजापुर सहित अन्य पंचायत में 47.39 लाख रुपए का इस कार्य में गबन किया गया। वहीं, वर्मी कंपोस्ट निर्माण में ग्राम पंचायत मुगवारी, सतपारा, बंधा चमरोई, सूरजपुरा खुर्द में 10.89 लाख रुपए का गबन इस कार्य में किया गया है।