Union Budget : वित्त मंत्री की झोली से महिलाओं और सीनियर सिटीज़न के लिया क्या ख़ास!
New Delhi : इस बार के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी झोली से सबके लिए कुछ न कुछ निकाला है। महिलाओं और सीनियर सिटीज़न पर भी वित्त मंत्री ने मेहरबानी दिखाई। इसके अलावा खून की कमी से होने वाली बीमारी एनीमिया के प्रति भी वित्त मंत्री ने अपने बजट में गंभीरता दिखाई है।
‘महिला सम्मान बचत पत्र योजना’ की घोषणा कर निर्मला सीतारमण ने महिलाओं और लड़कियों को सबसे बड़ा तोहफ़ा दिया। इस योजना के अनुसार महिलाएँ 2 साल के लिए 2 लाख रुपए की बचत कर पाएँगी और उन्हें इस रक़म पर 7.5 की दर से बयाज मिलेगा। इसमें आंशिक निकासी की सुविधा भी दी गई है। जानकार इसे लघु बचत को बढ़ाने का अच्छा तरीक़ा बताते हैं।
महिलाओं या लड़कियों के लिए ये अच्छी योजना है। बीच में पैसा निकालने का प्रावधान भी अच्छा है। क्योंकि, कई बार घर में ज़रूरत पड़ जाती है। लेकिन, एक महिला होने के नाते उन्हें कामकाजी महिलाओं के लिए टैक्स में छूट देनी चाहिए थी।
इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से चलाई जा रही सुविधाओं का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार मिशन के तहत महिलाओं को 81 लाख स्व सहायता समूह से जोड़ा गया है। साथ ही उनका कहना था इन महिलाओं को आर्थिक सशक्तीकरण के अगले पायदान पर लाने की कोशिश की जाएगी ताकि वो बड़े बाज़ार में माल बेच सके।
जानकारों का कहना है कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए ऐसी नीतियों को लाना सराहना भरा कदम है। लेकिन, उन्हें पारंपरिक भूमिकाओं तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। बल्कि, नए स्किल भी सिखाए जाने चाहिए। वहीं महिलाओं की भागीदारी को लेकर एक जेंडर गैप दिखाई देता है उसमें कमी लाने पर काम करना चाहिए।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए घोषणा
वरिष्ठ नागरिको के लिए सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम या एससीएसएस के तहत ज्वाइंट निवेश करने की सीमा को 15 लाख से 30 लाख रुपए कर दिया गया। पहले पति-पत्नी के ज्वाइंट अकाउंट की सीमा 15 लाख रुपए तक की थी। अगर किसी सिंगल सीनियर सिटीजन अकाउंट है, तो उसमें भी सीमा बढ़ा दी गई। इस निवेश को 4.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए कर दिया गया है।
इस सीमा को बढ़ाए जाने पर सवाल उठाते हुए वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि इतनी बड़ी रक़म कितने वरिष्ठ नागरिकों के पास होती है। ऐसे में उन्हीं नागरिकों को फ़ायदा है, जो सरकारी या प्राइवेट नौकरियों में उच्च पद पर रहे हो। ऐसे में इसका फ़ायदा वरिष्ठ नागरिकों को होगा, ये नहीं लगता। क्योंकि, 30 लाख की पूँजी जमा करना आम आदमी के लिए काफ़ी मुश्किल होता है।
एनीमिया ख़त्म करना लक्ष्य
वित्त मंत्री ने शोध के लिए ICMR की लैब को बढ़ाने की बात भी कही। आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, जो भारत सरकार के अंतर्गत काम करता है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि 157 नए नर्सिग कॉलेज बनाए जाएँगे और सिकल सेल एनीमिया को साल 2047 तक ख़त्म करने के लिए मिशन शुरू किया जाएगा।
एनएफ़एचएस -5 के डेटा के अनुसार भारत में पाँच साल तक की उम्र के 67% बच्चे ख़ून की कमी से पीड़ित हैं। वहीं 15-49 उम्र की महिलाओं में 57% ऐसी हैं, जो एनीमिया से पीड़ित हैं। ख़ून की कमी के कारण कई लोगों की मौत भी हो जाती है, जिसका भी ज़िक्र मंत्री ने अपनी घोषणा में भी किया।