Administration V/S Land Mafia : IAS ने कहा भूमाफिया से मुझे धमकियां मिल रही, जमानत निरस्त करें!

वे सहयोग नहीं कर रहे, हाईकोर्ट में प्रशासन की गुहार! 

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Administration V/S Land Mafia : IAS ने कहा भूमाफिया से मुझे धमकियां मिल रही, जमानत निरस्त करें!

Indore : शहर के भूमाफिया और प्रशासन अब आमने-सामने आ गए। अदालत ने जिन भूमाफिया को जमानत दी थी, अब प्रशासन ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई कि उनकी जमानत निरस्त कर सबको अंदर करें। प्रशासन की तरफ से गुरुवार को हाईकोर्ट में पेश एडीएम (IAS) डॉ अभय बेडेकर ने साफ कहा कि मुझे धमकियां दी जा रही है। कोर्ट में कपड़े उतरवाने तक की धमकी दी जा रही है।

ऐसी स्थिति में भूमाफिया चंपू अजमेरा, नीलेश अजमेरा, चिराग शाह और हैप्पी धवन की मुश्किल बढ़ सकती है। इन भूमाफिया से पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि हाईकोर्ट में इनकी जल्दी सुनवाई कर पीड़ितों को राहत दिलाई जाए। इस मामले में गुरुवार को एडीएम डॉ अभय बेडेकर उपस्थित हुए थे। उन्होंने कोर्ट से कहा कि भूमाफिया हमारी मदद नहीं कर रहे हैं और न जांच में सहयोग दे रहे हैं। इसलिए वे इनकी जमानत अर्जी निरस्त करने के लिए कोर्ट से गुहार लगाना चाहते हैं।

एडीएम डॉ बेडेकर ने कोर्ट से यह भी कहा कि मुझे धमकियां भी मिल रही है। कहा जा रहा है कि हमें प्लाट नहीं मिला तो कोर्ट में आपके कपड़े उतरवा देंगे। हाईकोर्ट में करीब 1 घंटे शैली सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन की तरफ से उपस्थित हुए एडीएम डॉ बेडेकर ने कहा कि मेरे अधिकार क्षेत्र में जो हो सकता था, मैंने वो सब किया। लेकिन, जमानत में बाहर घूम रहे आरोपी सहयोग नहीं कर रहे! बार-बार नोटिस देने के बाद भी नहीं आते! इसलिए इन पर सख्ती जरूरी है।

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जो सहयोग नहीं कर रहा, उसकी जमानत निरस्त हो

हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अगली सुनवाई 15 मार्च को सुनवाई करना तय किया है। इससे पहले प्रशासन आरोपियों की जमानत अर्जी निरस्त करने के लिए अर्जी लगाएगा। इसके अलावा प्रशासन को यह भी बताना होगा कि किस आरोपी पर कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं और इनका अभी तक क्या निराकरण किया गया। उधर, आरोपियों की तरफ से कहा गया कि प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा! जो आरोपी सहयोग नहीं कर रहा उसकी जमानत निरस्त की जाए, जो कर रहा है उसकी जमानत जारी रखी जाए।

 

कितने मामले दर्ज, नहीं पता

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि आरोपियों के खिलाफ कितने थानों में कितने मामले दर्ज हैं? इस पर प्रशासन ने जवाब दिया कि उन्हें बाणगंगा थाने में दर्ज कुछ मामलों की जानकारी है, बाकी किन थानों में कितने केस दर्ज हैं इसकी जानकारी नहीं! इस पर हाईकोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया।

 

जिन्हें कब्ज़ा मिला उनकी रजिस्ट्री नहीं हुई

पीड़ितों ने आपत्ति में उल्लेख किया है कि तीनों कॉलोनियों फीनिक्स, सेटेलाइट और कालिंदी कुंज में कुल 129 रजिस्ट्री वाले पीड़ित बताए गए हैं। इनमें से 61 को कब्जा दिलाया गया। लेकिन, कब्जा दिलाने से भी कोई फायदा नहीं हुआ। क्योंकि, नियम के अनुसार इनकी रजिस्ट्री नहीं कराई गई। इस वजह से न तो वे मकान बना पा रहे हैं और न उनका प्लॉट बिक पा रहा है। वहीं, जिन 109 पीड़ितों को बुकिंग राशि के बदले केवल रसीद मिली, उनमें से 68 को भुगतान होना बताया गया। लेकिन, यह भुगतान भी पूरा नहीं हुआ, इसलिए वे भी परेशान हैं।