Embezzlement Of 17 Crore Government Money: 9 वा आरोपी भोपाल से पकड़ाया,16 जुलाई 2020 को हुई थी FIR
राजेश जयंत की रिपोर्ट
उदयगढ़ (Alirajpur MP) । खंड शिक्षा कार्यालय उदयगढ़ में वर्ष 2011 से 2017 के मध्य हुए 16 करोड़ से अधिक शासकीय राशि गबन मामले में पुलिस के हाथ एक और आरोपी लगा है ।
गत 2 वर्षो से फरार आरोपी पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी नवीन श्रीवास्तव को उदयगढ़ पुलिस ने भोपाल के रीगल टाउन एरिया से पकड़ा।
गबन मामले में 14 आरोपी है नवीन श्रीवास्तव सहित आठ आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ चुके हैं । इनमें से एक आरोपी की कोरोना में मृत्यु हो चुकी है। सात आरोपी जेल में बंद है और नवीन श्रीवास्तव नोवा आरोपी है । पांच आरोपी अभी भी फरार हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जोबट न्यायालय ने वारंट भी जारी किया हुआ है।
उदयगढ़ पुलिस का दावा है कि प्रयास जारी है और शेष फरार आरोपियों को भी शीघ्र ही पकड़ लिया जाएगा।
*मशक्कत के बाद पकड़ाया नवीन श्रीवास्तव*
अलीराजपुर एसपी मनोज सिंह के निर्देशन में उदयगढ़ थाना प्रभारी अनसिंह भाबर ने एक टीम गठित की जिसके प्रभारी एएसआई जगन्नाथ चावडे बनाए गए। कार्यवाहक प्रधान आरक्षक श्याम चौरसिया, आरक्षक हितेश नायक इसमें शामिल थे। मुखबिर एवं तकनीकी सूचना के आधार पर दल भोपाल पहुंचा और वहां 2 दिनों तक रेकी की। 5 फरवरी की सुबह 5:30 बजे भोपाल के रेगल टाउन एरिया में स्थित मनकामेश्वर मंदिर मैं पूजा के लिए आए नवीन श्रीवास्तव को गठित टीम ने सुनियोजित तरीके से दबोच लिया।
2 साल से अधिक समय से पुलिस को छका रहे नवीन श्रीवास्तव ने उदयगढ़ खंड शिक्षा अधिकारी रहते हुए 23 लाख से अधिक शासकीय राशि का गबन किया। पुलिस अधीक्षक ने नवीन श्रीवास्तव सहित फरार आरोपियों पर ₹5000- ₹5000 का इनाम भी घोषित किया था।
*यह है पूरा मामला-*
16 जुलाई 2020 को उदयगढ़ पुलिस थाने में मीना मंडलोई सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग अलीराजपुर ने प्रतिवेदन सौंपा था। उस वक्त खंड शिक्षा कार्यालय उदयगढ़ के प्रभारी लेखापाल सोंलकी सहायक ग्रेड -3 पर एक करोड इक्कासी लाख पिच्चासी हजार एक सौ उन्चास हजार रुपए गलत तरीके से आहरित करने के साक्ष्य थे। तब आरोपी रितुराज सोलंकी के विरूद्द अप.क्र .97 / 20 धारा 420,409 भादवि का कायम मामले को विवेचना में लिया गया था । पुलिस की पड़ताल में विभाग के 14- 15 और नाम भी सामने आए जिसके बाद प्रकरण में धारा 467,468,471,120 बी , 201,34 भादवि बढ़ाई गई और शासकीय गबन की राशि का आंकड़ा भी 16 करोड़ को पार कर गया। पुलिस ने इस मामले पर 5000 पेज का चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया।
*सात खंड शिक्षा अधिकारी सहित सात अन्य आरोपी*
खंड शिक्षा कार्यालय उदयगढ़ में वर्ष 2011 से वर्ष 2017 तक यहां पदस्थ रहे 07 खंड शिक्षा अधिकारी, 02 लेखापाल, सहायक ग्रेड 2, मंडल संयोजक व केंद्राध्यक्ष पद पर रहे कर्मचारी सहित उप कोषालय जोबट के प्रभारी अधिकारी ने विभिन्न शासकीय मद छात्रवृत्ति, शिष्यावृती, पेंशन, मृत्यु दावा, निर्माण आदि के गलत देयक प्रस्तुत कर करोड़ों का गबन किया।
वर्ष 2011 से वर्ष 2017 तक यहां कुल 8 खंड शिक्षा अधिकारी पदस्थ रहे। एक का निधन हो चुका है जबकि 7 खंड शिक्षा
अधिकारी आरोपी बनाए गए है।
*किसने कितना किया गबन*
रणसिंह डावर का निधन हो चुका है जिनके विरुद्ध 47.13165 रुपए गबन किए जाने के दस्तावेज प्राप्त हुए।
पुलिस की तफ्तीश में तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी डूंगरसिंह सोलंकी द्वारा 1.0599520,
भोला प्रसाद पटेल द्वारा 2.5140510
नवलसिंह रावत द्वारा 5926564
परमानंद धाकड़ द्वारा 4048786
माधुलाल परमार द्वारा 3679 627
रामकिशोर तोमर द्वारा 3349000
नवीन श्रीवास्तव द्वारा 2328 239
एवं डॉ सूरज सिंह के द्वारा 23676809 रुपए का गबन करना पाया गया है।
*गबन के यह भी है आरोपी*
वर्ष 2011 से वर्ष 2017 के मध्य यहां पदस्थ रहे लेखापाल, सहायक ग्रेड 2 और केंद्राध्यक्ष के विरुद्ध भी गबन के साक्ष्य है। लेखापाल पद पर पदस्थ रहे खुमानसिंह भूरा के द्वारा 2611286
बीएल राव द्वारा 1199144 रुपए का गबन एवं 212927 का रिकॉर्ड संधारण नहीं करना पाया गया है।
अनिवार्य सेवानिवृत्ति ले चुके केंद्राध्यक्ष हेतराम राजपूत द्वारा 11614453 रुपए
तत्कालीन सहायक ग्रेड दो स्थापना शाखा प्रभारी मुकेश नीमा द्वारा 511816 रुपए अनाधिकृत तरीके से आहरण कर गबन करना पाया गया।
गबन के इस मामले में उप कोषालय जोबट के प्रभारी अधिकारी नरसिंह भूरिया की बड़ी भूमिका रही है। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने उन्हें भी आरोपी बनाया है । भूरिया ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों से मिलकर वेंडरों के माध्यम से अवैध रूप से संचालित खातों में भुगतान किया।
*तीन पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी, उप कोषालय अधिकारी और एक बाबू अब तक फरार*
तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी- डूंगर सिंह सोलंकी, परमानंद धाकड़, रामकिशोर सिंह तोमर, जोबट उप कोषालय के प्रभारी अधिकारी नरसिंह भूरिया, खंड शिक्षा कार्यालय के तत्कालीन लेखापाल बी एल राव अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। इन पर ₹5000- ₹5000 का इनाम भी घोषित है।
मंडल संयोजक हेतराम राजपूत की गिरफ्तारी के बाद कोरोना काल में मृत्यु हो चुकी है।