मजदूरों के पलायन मामले में मेधा पाटकर और बड़वानी SP आमने-सामने

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बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

बड़वानी- मेधा पाटकर ने मजदूरों के पलायन पर खड़े किए सवाल कहा- मजदूरों को दूसरे राज्य ले जाते वक्त नहीं होता नियमों का पालन, मजदूरों के रहने और खाने की नहीं होती व्यवस्थाएं, बंधक बनाए मजदूर को छुड़वाने में आती है दिक्कतें, SP बोले- जानकारी मिलने पर करते हैं कार्रवाई, पिछले साल 500 से अधिक मजदूरों को वापस लाएं

बड़वानी: मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले बड़वानी में मजदूरों के पलायन को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेत्री मेधा पाटकर और वहां के एसपी आमने-सामने हो गए हैं और अपने अपने तर्क दे रहे हैं।

जिले से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन करते हैं और अन्य राज्यों में मजदूर के लिए जाते हैं। बड़ी संख्या में गन्ना काटने वाले मजदूर भी मजदूरी के लिए महाराष्ट्र और कर्नाटक जाते हैं। कई बार मजदूरों को बंधक बनाए जाने की खबरें भी सामने आती है।

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने मजदूरों के पलायन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मजदूरों के पलायन के समय नियमों का पालन नहीं होता उनका आरोप है कि अन्य राज्यों में ले जाए गए कई मजदूरों की रहने और खाने की सही व्यवस्था नहीं की जाती और कई बार तो मजदूरी कर रहे मजदूर को बिना बताए एक स्थान से दूसरे स्थान यहां तक एक राज्य से दूसरे राज्य तक मजदूरी करने ले जाते हैं उन्होंने बीट और सोलापुर क्षेत्र में पाटी क्षेत्र के सेमलेट और आसपास के मजदूरों का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां के मजदूर शुगर फैक्ट्री में काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें उनका पैसा नहीं दिया जा रहा है जिससे वह वापस नहीं आए वही सोलापुर महाराष्ट्र में काम कर रहे मजदूरों को कर्नाटक में किस स्थान पर भेज दिया गया है जिससे उनकी वापसी में मुश्किल हो रही।

मेधा पाटकर ने कहा कि कोई नियंत्रण और निगरानी नहीं होने के चलते ऐसे हालात बन रहे हैं। उन्होंने मनरेगा योजना पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार के चलते भी मजदूरों को पलायन कर बाहर जाना पड़ रहा है। वहीं बड़वानी पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला का कहना है कि हमने समय-समय पर कार्रवाई की है।

गत वर्ष हम 500 से अधिक मजदूरों को वापस लेकर आए हैं और अगर हमें अभी कोई सूचना मिलती है तो हम श्रम विभाग और स्थानीय प्रशासन और संबंधित जिले के प्रशासन से सामंजस्य बिठाकर वापस लेकर आएंगे। पिछली बार भी हम महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु से लगभग 500 मजदूर जो वहां फंसे हुए थे उनको वापस लेकर आए हैं।

देखिये वीडियो: क्या कह रही हैं, मेधा पाटकर (नर्मदा बचाओ आंदोलन प्रमुख)-

 

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, दीपक कुमार शुक्ला (पुलिस अधीक्षक बड़वानी)-