Dynasty of Peacocks : मोरों का वंश कैसे बढ़ता है, यदि वे संसर्ग नहीं करते!

जानिए, मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी के बयान पर विवाद की सच्चाई!

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Dynasty of Peacocks : मोरों का वंश कैसे बढ़ता है, यदि वे संसर्ग नहीं करते!

Sarguja : मशहूर कथावाचक और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी एक बयान को लेकर विवादों में आ गई। कुछ समय पहले अपनी एक कथा के दौरान कथावाचक जया किशोरी कहा था कि मोर-मोरनी संभोग नहीं करते, बल्कि आंसुओं से बच्चे पैदा करते हैं। जया किशोरी की बात को लेकर वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट और वन्य प्राणियों पर रिसर्च करने वाले भोपाल वन विहार नेशनल पार्क के पूर्व निदेशक सुदेश वाघमारे ने बताया कि मोर बरसात के मौसम में मोरनी के साथ संसर्ग करता है। वह एक सीजन में 5 से 6 मोरनियों के साथ संसर्ग करता है। बाद में मोरनी अंडे देती है, जिससे मोर का वंश आगे बढ़ता है।

जया किशोरी ने एक सभा में कहा था कि मोर और मोरनी कभी भी शारीरिक संसर्ग नहीं करते! इसी सभा में उन्होंने आगे कहा कि मोरनी मोर के आंसुओं को पीकर गर्भ धारण करती है। यही वजह है कि भगवान श्रीकृष्ण मोर पंख लगाते हैं। विज्ञान की नजर से देखें तो उनके इस दावे में बिलकुल भी सच्‍चाई नहीं है। क्योंकि, मोर-मोरनी भी शारीरिक संबंध बनाते हैं। उसके बाद ही मोरनी गर्भ धारण करती है।

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पक्षी विज्ञानियों ने मोर और मोरनी को कई बार प्रेम की मुद्रा में देखा है। यह मिथक पूरी तरह से मान्यताओं पर आधारित है। बारिश के मौसम में मोर पंख फैलाकर मोरनी को आकर्षित  करने का प्रयास करता है। संसर्ग के बाद मोरनी के अंडों से मोर के बच्चों का जन्म होता है। ऐसे में मोर के जीवन भर ब्रह्मचारी रहने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।

जबकि, जया किशोरी की कथाओं से लेकर मोटिवेशनल स्पीच सुनने और उसे फॉलो करने वालों की तादाद लाखों में है। कथा के प्रसंग हो या फिर उनकी प्रेरणा देने वाली बातें, लोग बड़ी दिलचस्पी के साथ उनकी बातें सुनते हैं। जया सेलिब्रिटी और यूथ आइकॉन हैं। इनकी हर बातों पर खूब चर्चा भी होती है। हाल ही में एक बार फिर उनके एक दावे को लेकर चर्चा तेज है।

पहले एक जज ने भी यही कहा  
राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने के मोरों को लेकर 2 जून 2017 में दिए बयान को पक्षी वैज्ञानिकों ने गलत बताया था। जस्टिस शर्मा ने कहा था कि मोर आजीवन ब्रह्मचारी होता है। उसके आंसू को चुगकर मोरनी गर्भवती होती है। इस बात को तब पशु चिकित्सा महाविद्यालय महू के प्रो डॉ संदीप नानावटी ने पूरी तरह भ्रामक और गलत बताया था।

प्रो नानावटी ने कहा था कि यह अवैज्ञानिक और असत्य है। बगैर संसर्ग के मोरनी बच्चों को जन्म नहीं दे सकती। वास्तविकता यह है कि मोर शर्मिला पक्षी है, इसलिए वह एकांत मिलने पर ही सहवास करता है। यही वजह है कि लोगों में यह भ्रांति है कि मोर के आंसू चुगकर मोरनी गर्भवती होती है।

जस्टिस शर्मा ने राजस्थान के हिंगोनिया गौशाला को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की सिफारिश की थी। उनके कार्यकाल का अंतिम दिवस था। इसी संदर्भ में उन्होंने मोर का उदाहरण दिया था।