Adivasi Adhikar Yatra: ‘जयस’ की यात्रा भाजपा और कांग्रेस के लिए नई चुनौती!  

आदिवासी सीटों पर 'जयस' का दबदबा सत्ता के समीकरण बदलेगा!  

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Adivasi Adhikar Yatra: ‘जयस’ की यात्रा भाजपा और कांग्रेस के लिए नई चुनौती!  

Bhopal : इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के सामने आदिवासी सीटों पर आदिवासियों का संगठन ‘जयस’ मुसीबत बनेगा, यह लगभग तय है। मनावर के कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने भाजपा की ‘विकास यात्रा’ के जवाब में ‘आदिवासी अधिकार यात्रा’ की शुरुआत करके अपने इरादों को स्पष्ट कर दिया। ‘जयस’ ने विधानसभा की 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर पहले अपने इरादे जता दिए।

कांग्रेस और भाजपा का खेल बिगाड़ने के लिए ‘जयस’ ने ‘आदिवासी अधिकार यात्रा’ निकालने की शुरुआत करके दोनों पार्टियों का टेंशन बढ़ा दिया। ‘जयस’ आदिवासी जिलों धार और झाबुआ से की गई। इस यात्रा के जरिए आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार और आदिवासियों के विकास की बात उठाई जाएगी। धार और झाबुआ के बाद अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, समेत अन्य आदिवासी जिलों में यह पहुंचेगी। यात्रा के दौरान ‘जयस’ कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और लोगों से संपर्क साधकर उनकी बात सुनेंगे।

बीजेपी-कांग्रेस ने भी कमर कसी 

‘जयस’ की घोषणा के बाद भाजपा और कांग्रेस ने उससे मुकाबले के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है। कांग्रेस सभी 47 विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन कर रही है। कमलनाथ ने इसके लिए प्लान तैयार किया है। जबकि, भाजपा ने पिछले कुछ दिनों ऐसे कई कार्यक्रम किए, जिसमें आदिवासी वर्ग फोकस में रहे।

‘जयस’ के सहारे कांग्रेस की ताकत बढ़ी  

आदिवासी संगठन ‘जयस’ ने 80 विधानसभा सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारने की घोषणा पहले ही की है। इससे कांग्रेस और भाजपा दोनों को झटका लगा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आदिवासियों के वोटों के सहारे ही सत्ता मिली थी। 47 सीटों में से कांग्रेस को 30 सीटें मिली थीं। लेकिन, इस बार अगर ‘जयस’ मैदान में उतर आई तो कांग्रेस की राह मुश्किल हो जाएगी और बीजेपी को भी जद्दोजहद करना पड़ेगी।