IMC Green Bond : नगर निगम का ग्रीन बॉण्ड ढाई घंटे में ओव्हर सब्सक्राइब

महापौर को उम्मीद है कि अगले तीन दिन में पांच गुना सब्सक्राइब होगा!

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IMC Green Bond : नगर निगम का ग्रीन बॉण्ड ढाई घंटे में ओव्हर सब्सक्राइब

देखिए, बॉण्ड की सफलता पर खुश महापौर ने क्या कहा

Indore : नगर निगम का नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से जारी किए ग्रीन बॉण्ड को निवेशकों का अच्छा प्रतिसाद मिला। इसके परिणाम स्वरूप ग्रीन बॉण्ड इशु करने के मात्र ढाई घंटे में ही ग्रीन बॉण्ड के माध्यम से 300 करोड़ रुपए जुटा लिए गए। इंदौर ग्रीन बॉन्ड का पब्लिक इश्यू जारी करने वाला देश का पहला शहर है, जिसमें ग्रीन बॉन्ड के माध्यम से स्मार्ट इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि नगर निगम इंदौर द्वारा नगरीय निकाय में वित्तीय नवाचार करते हुए, जलूद जिला खरगोन में 240 करोड़ की लागत से 60 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए 244 करोड़ रुपए के ग्रीन बॉण्ड इश्यू आज सुबह साढ़े 10 बजे जारी किए गए। महापौर ने बताया कि इस बॉण्ड का मूल्य राशि रुपए 1 हजार प्रति बॉन्ड है, जिसमें इफेक्टिव कूपन रेट 8.25 प्रतिशत तथा प्रभावी वार्षिक दर 8.41 प्रतिशत है, जिसको एए प्लस व एए की रेटिंग प्राप्त बॉन्ड है। इस बॉण्ड के बंद होने की अवधि 14 फरवरी निश्चित की गई थी, किंतु निगम द्वारा बॉण्ड जारी करते ही मात्र ढाई घंटे में ग्रीन इश्यू ओव्हर सब्सक्राइब हो गया।

मुंबई में रोड शो किया
मेयर पुष्यमित्र भार्गव दो दिन पहले मुंबई पहुंचे थे और रोड शो में शामिल हुए थे। वे निवेशकों से भी मिले थे। इस बॉण्ड का अर्धवार्षिक भुगतान होगा। नगर निगम सेबी के नियमों के अनुसार भुगतान करेगा। निगम के ग्रीन बांड को निवेशकों के हाथों-हाथ लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा कि इंदौरियों व प्रदेशवासियों के लिए यह गौरव की बात है। किसी नगरीय निकाय ने देश में पहली बार ग्रीन पब्लिक बांड है। मैं निवेशकों को भी बधाई देता हूं।

60 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि जलूद में 60 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाना है। इसके लिए 244 करोड़ रुपए के ग्रीन बांड जारी किए गए। अब हम जल्दी ही जलूद में नर्मदा तट पर सोलर प्लांट लगाएंगे। इससे पानी लिफ्ट करने में आसानी होगी। स्वच्छता के बाद अब नगर निगम बिजली बचाने की दिशा में भी काम कर रहा है।

70 किलोमीटर दूर से पानी
नर्मदा पेयजल परियोजना देश की महंगी योजनाओं में से है। 70 किलोमीटर दूर बहने वाली नर्मदा से पानी लिफ्ट कर इंदौर लाया जाता है। नर्मदा तृतीय चरण में बिजली की खपत कम हो, इसके लिए पर्वत को काटकर डेढ़ किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है। अब सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली का उपयोग पानी इंदौर तक पहुंचाने में किया जाएगा। प्लांट लगाने से निगम को हर साल आठ-दस करोड़ रुपये की बचत होगी।
अभी साल भर में डेढ़ सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजली बिल नगर निगम को चुकाना पड़ता है। नर्मदा से इंदौर तक तीन चरणों में पांच सौ एमएलडी पानी पहुंचाया जाता है। नर्मदा के पहले चरण से 1978 में पानी इंदौर पहुंचा था। इसके बाद दो अन्य चरण भी इंदौर लाए गए।