लगभग 25 लाख दीपको की धुलाई एवं पैकिंग का कार्य हुआ प्रारंभ महापौर ने देखी व्यवस्था
उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट
उज्जैन । 18 फरवरी महाशिवरात्रि पर्व पर माँ क्षिप्रा के पावन तट पर शिव ज्योति अर्पणम् महोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया जा रहा है । जिसमें क्षिप्रा नदी के घाटों पर 21 लाख दीप प्रज्वलित करते हुए विश्व कीर्तिमान बनाया जाएगा, इसके लिए दीपों का धुलाई एवं पैकिंग कार्य रविवार से प्रारंभ हुआ महापौर मुकेश टटवाल ने दीप धुलाई कार्य की व्यवस्थाएं देखी। शिव ज्योति अर्पणम् महोत्सव अन्तर्गत लगाए जाने वाले दीपो की उपलब्धता नगर निगम को प्राप्त हो गई है, रविवार से ग्राण्ड होटल परिसर में नगर निगम के कर्मचारी एवं महिला बाल विकास की महिला कार्यकर्ताओं द्वारा दीपों को भिगोने-धोने का कार्य प्रारंभ किया गया तथा यहीं से पैकिंग करते हुए हर ब्लाक में भिजवाया जाएगा। महापौर मुकेश टटवाल ने दीपों की धुलाई एवं पैकिंग के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए कर्मचारीयों के बीच पहुंच उनका होसला बढ़ाया ।
आंगनवाड़ी सहायिका बहने दीपक धोने का कार्य तत्काल बंद कर वापस आपने घर चले जाएं – रामलाल पंड्या
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के अध्यक्ष नागदा निवासी रामलाल पंड्या द्वारा सोश्यल मिडिया पर विडियो वायरल कर कहा गया कि उज्जैन में “आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ से जो दीप जो धुलवाए जा रहे है अधिकारी द्वारा, यह काम आंगनवाड़ी सहायिका बहनों का नहीं है, उन बहनों से मेरा निवेदन है कि यह काम उनका नही है यह काम तत्काल बंद कर दे । यह काम मजदूरों का है, नगर निगम कर्मचारीयों का है हम लोग अतिरिक्त कार्य नहीं करेंगे, शासन का आदेश है । सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहने अपने घर चले जाएं यादि कोई अधिकारी नोटिस देगा तो उसका जवाब में दूंगा ।”
वही उज्जैन नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का विरोध वाजिब है कांग्रेस पार्टी उनके साथ हर संघर्ष में खड़ी है ।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से दीपक धुलवाने का कार्य कराना निंदनीय – नेता प्रतिपक्ष रवि राय
नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय द्वारा सोश्यल मिडिया पर वक्तव्य जारी कर कहा कि नगर निगम उज्जैन द्वारा महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर शिवज्योति अर्पणम कार्यक्रम के तहत लगभग 3 करोड़ से अधिक के टेंडर किए गए परंतु अधिकतर कार्य समाज सेवी संस्थाओं और नगर निगम के कर्मचारी व अधिकारियों के माध्यम से किया जा रहा है । परंतु आज एक अनोखे आदेश ने नगर निगम बोर्ड की पोल खोल दी । शहर की लगभग 300 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को ठेकेदार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे दीपकों की धुलाई का कार्य सौंपा गया । जबकि यह कार्य ठेकेदार या अन्य मजदूरों से कराया जा सकता था, नगर निगम में मजदूरों की कोई कमी नहीं है । आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से दीपक धुलवाने का कार्य कराना निंदनीय है, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को एक शिक्षिका की तरह देखा जाता है, वे माई माता की तरह छोटे-छोटे बच्चों को शिक्षित करती है परंतु इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दीपक धोने जैसे कार्य में लगाया गया है और लगभग तीन दिवस तक उनसे दीपक धुलवाये जायेंगे । हर जगह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लगाना उचित नहीं है उनके मान-सम्मान एवं उनके स्वास्थ्य के प्रति शासन प्रशासन ध्यान नहीं देता और मजदूर जैसे उनसे कार्य कराये जा रहे है । दीपक धूलाने का कार्य संबंधित ठेकेदारों का होना चाहिए और जब इस आयोजन में 3 करोड़ से अधिक की राशि व्यय की जा रही है । निगम के अधिकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर दबाव बना कर उनसे दीपक जलाने का कार्य भी करा रहे है और किसी भी स्थिति में यह कार्य इन कर्मचारियों के साथ एक अन्याय की तरह है , उनसे सम्मान जनक कार्य कराया जाना चाहिए । मध्यप्रदेश जिला प्रशासन, नगर निगम प्रशासन, एवं सामाजिक पंचायत विभाग को इस संबंध में मैं निर्णय करना चाहिए ।