Shri Virupaksha Mahadev Temple: निस्संतान दंपतियों की होती हैं यहां मुराद पूरी

1094

Shri Virupaksha Mahadev Temple: निस्संतान दंपतियों की होती हैं यहां मुराद पूरी

रमेश सोनी की ख़ास ख़बर

Ratlam। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में शहर से 18 किमी दूर प्रितम नगर में भगवान शिव का अनूठा मंदिर है। यह मंदिर विरुपाक्ष महादेव के नाम से विख्यात है जो परमार, गुर्जर, चालुक्य (गुजरात) की सम्मिश्रित शिल्प शैली का अनुपम उदाहरण है। इस मंदिर की विशेष बात यह है कि यहां पर उन निस्संतान दम्पतियों की मुराद पूरी होती है जिनके किन्हीं कारणों से वर्षों से संतान नहीं हुई है।

शिवरात्रि पर होने वाले यज्ञ में यहां इस खीर को अभिमंत्रित कर यज्ञ के चलते 8-10 दिनों तक पेड़ पर बांधकर फिर वितरित की जाती है। जिस खीर के प्रसाद को निस्संतान महिलाओं द्वारा ग्रहण करने पर उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है।

WhatsApp Image 2023 02 18 at 6.34.49 PM

मंदिर का शिल्प सौंदर्य व स्थापत्य उस काल की शिल्प शैली के चरमोत्कर्ष पर होने का परिचय भी देता है। मंदिर में गर्भ गृह, अर्द्ध मंडप, सभा मंडप निर्मित है। सभा मंडप की दीवारों पर विभिन्न वाद्य यंत्रों के साथ नृत्यांगनाओं को आकर्षक मुद्राओं में दर्शाया गया है।

सभा मंडप में स्थापित मौर्यकालीन स्तंभ इस बात का प्रमाण देता है कि यह मंदिर मौर्यकाल में भी अस्तित्व में था। स्तंभ पर हंस व कमल की आकृतियां बनी हुई हैं। मध्य में मुख्य मंदर के चारों कोनों में चार लघु मंदिर है। पंचायतन शैली के इस मंदिर में जैन, सनातन, बौद्ध, मुस्लिम शिल्पकला का बेहतर सम्मिश्रण नजर आता है।

WhatsApp Image 2023 02 18 at 6.34.49 PM 2

शिलालेख पर शब्द टंकन गंगाधर ब्राह्मण नामक शिल्पी ने किया था। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर के निश्चित निर्माण संबंधी प्रमाण तो अब तक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं, लेकिन 1964 ईसवी में बिलपांक में ही खुदाई के दौरान प्राप्त एक शिलालेख इस तथ्य की पुष्टि करता हैं कि इस मंदिर का जीर्णाेद्धार संवत् 1198 में गुजरात के चक्रवर्ती राजा सिद्धराज जयसिंह द्वारा मालवा राज्य को फतह कर, जाते समय किया गया था।

WhatsApp Image 2023 02 18 at 6.34.49 PM 1

कई श्रद्धालु इसे 13 वां ज्योतिर्लिंग भी मानते हैं। 64 स्तंभ (खंभों) पर मंदिर बना हुआ है और मान्यता है कि कोई इनको गिन नहीं पाता है। यहां पर लंबे समय से महाशिवरात्रि पर यज्ञ का आयोजन होता आ रहा है। हिमाचल, अरुणाचल सहित देश के अनेक हिस्सों से श्रद्धालुओं यहां आते हैं।