जब अ. भा. हिंदू महासभा के सम्मेलन में लगे वीर गोडसे जिंदाबाद के नारे

मप्र के पांच मंदिरों से निकालेंगें धर्म-मर्यादा रक्षा यात्रा धार भोजशाला को मुक्त कराने का संकल्प लिया

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जब अ. भा. हिंदू महासभा के  सम्मेलन में लगे वीर गोडसे जिंदाबाद के नारे

जिला ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

इटारसी। रविवार को समीपस्थ मेहरागांव के एक गार्डन में अ.भा. हिंदू महासभा का एक समागम आयोजित किया गया और इसमें ऐसा कुछ हुआ कि यह सुर्खियों में आ गया। इसमें राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को वीर गोडसे बताते हुए जिंदाबाद के नारे लगाए। कार्यक्रम में नारे लगाते हुए कहा गया, ‘अम्बाला से आई आवाज, वीर गोडसे जिंदाबाद’। दरअसल अम्बाला जेल में गोडसे को फांसी दी गई थी इसलिए नारे में अम्बाला का जिक्र किया गया। मामला इटारसी के समीपस्थ ग्राम मेहरागांव में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन व स्वाभिमान सभा का है।

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इस सम्मेलन का आयोजन रविवार को मेहरागांव रोड स्थित एक गार्डन में किया गया। इसमें संगठन के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र पांडेय ने कहा कि नाथूराम गोडसे के इतिहास को छिपाया गया है। मैं चैलेंज करता हूं, जो लोग गोडसे को हत्यारा मानते हैं प्रमाणिकता के आधार पर प्रेस के सामने मुझसे बात करें। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गोडसे हिंदू महासभा के कर्मठ नेता थे, जिन्होंने गांधी को पिता तुल्य माना था। उन्हें सिर्फ एक लाइन में हत्यारा कह देने से वो हत्यारे नहीं हो जाते। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत के विगत दिनों दिए तीन बयानों का जिक्र करते हुए इनसे अपनी असहमति व्यक्त की। वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके गुरु भी हिंदू महासभा के नेता रहे व योगी जी भी।

 

पर उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की तीखे शब्दों में आलोचना कर डाली। मीडिया के सवालों के जवाब में देवेन्द्र पांडेय ने इस नारेबाजी पर कहा कि गोडसे ने राष्ट्रहित सर्वोपरि है, इसे सिद्ध किया है। गोड़से को राष्ट्र के लिए आदर्श तक बताया गया। सम्मेलन में बताया गया कि धार के मां वागेश्वरी मंदिर भोजशाला को मुक्त कराने धर्म मर्यादा रक्षा यात्रा जल्द निकाली जाएगी। सम्मेलन में महासभा के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र पांडेय ने कहा कि नाथूराम गोड़से के इतिहास को छिपाया गया। उन्होंने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि जो लोग गोडसे को हत्यारा मानते हैं, वे प्रामाणकिता के साथ मुझसे बात करें। गोडसे हिंदु महासभा के कर्मठ नेता थे, जिन्होंने गांधी को पिता तुल्य माना था। उन्हें सिर्फ एक लाइन में हत्यारा कह देने से वो हत्यारे नहीं हो जाते। पूरे विश्व में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ, जिसे सजा सुनाने के बाद जज ने अंतिम फैसला देते हुए अपने पद से भी त्यागपत्र दे दिया, साथ ही गोडसे के नाम पर उनकी जीवनी भी लिखी।

 

निश्चित तौर पर गोड़से को इस राष्ट्र का आदर्श होना चाहिए। वे हमेशा से राष्ट्र को सर्वोपरि मानते रहे। गोड़से ने इस बात को सिद्ध किया है। इसलिए गोड़से जिंदाबाद का नारा हम पहले भी लगाते थे, अब भी लगाते हैं और आगे भी लगाते रहेंगे। सभा में हिंदू महासभा के राष्ट्रीय चुनाव प्रभारी प्रमोद शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री दिनेश सुगंधी, राष्ट्रीय मंत्री पवन त्रिपाठी, प्रदेश अध्यक्ष मनीष सिंह चौहान, विस प्रभारी भंवरलाल चौधरी, महिला प्रदेश अध्यक्ष नीलू वर्मा समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। श्री पांडेय ने कहा कि महासभा ने राम मंदिर की लड़ाई लड़ी थी। अब मप्र में धार जिले की भोजशाला जो सरस्वती देवी का प्राचीन मंदिर है, इसे मुक्त कराने का संकल्प लिया गया है।

भोजशाला की मुक्ति के लिए पूरे प्रदेश में महासभा अभियान चलाएगी। यात्रा आगरमालवा स्थित मां बगलामुखी मंदिर, खंडवा के तुलजा भवानी मंदिर, सतना के मां शारदा देवी मैहर मंदिर, दतिया के पीताम्बरा मंदिर और देवास के मां चामुंडा देवी मंदिर से प्रारंभ होगी। सभी यात्राएं अलग-अलग जिलों से होकर धार भोजशाला पहुंचेंगी। श्री पांडेय ने बताया कि महासभा ने पहले राम मंदिर की लड़ाई लड़ी। अब मप्र के धार जिले में स्थित भोजशाला जो सरस्वती देवी का प्राचीन मंदिर है, उसे मुक्त कराने का संकल्प लिया गया है। भोजशाला की मुक्ति के लिए पूरे मप्र में अभियान चलाया जा रहा है। इसे पांच भागों में बांटा गया है। यह सभी यात्राएं अलग-अलग जिलों से होते हुए धार में भोजशाला पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि इटारसी में भी जल्द ही यह यात्रा निकाली जाएगी।