‘Ecmo’ Saves Lives : वेंटिलेटर फेल हो, तो ‘एक्मो’ बचाता है गंभीर मरीजों की जान!
Indore : जब वेंटिलेटर फेल हो जाता है, तो मरीज की जान बचाना संभव नहीं होता! तब ‘एक्मो’ द्वारा गंभीर मरीज की जान बचाई जा सकती है। हालांकि, हमारे देश में ‘एक्मो’ के ज्यादा सेंटर नहीं हैं, इसलिए इसकी ट्रेनिंग यहां दी जा रही है। इससे यह ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर और स्पेशलिस्ट को इसके उपयोग के बारे में पता चल सकें और वह क्रिटिकल पेशेंट्स की जिंदगी बचाने में काम आ सके।
ये बात दयानंद मेडिकल कॉलेज, लुधियाना के डॉ विवेक गुप्ता ने कही। वे इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन (ISCCM) की 29वीं वार्षिक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। चार दिनी आयोजन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हो रहा है। इसमें हैंड्स ऑन ट्रेनिंग भी दी गई। ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन और ISCCM के अध्यक्ष डॉ राजेश मिश्रा ने प्रेग्नेंट लेडी के साथ आईसीयू में आने वाले कॉम्प्लिकेशन के बारे में बताया।
पहले दिन 600 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। एक्मो, एडवांस वेंटिलेटर जैसी तकनीकों की लाइव ट्रेनिंग ली। कई गंभीर विषयों पर पैनल डिस्कशन भी हुआ। ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ राजेश पांडे ने बताया वर्कशॉप में दुनिया के एडवांस वेंटिलेटर को ऑपरेट करने के साथ ही उनकी सेटिंग्स को सिखाया गया। यह वर्कशॉप आईसीयू में काम करने वाले डॉक्टर, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए आयोजित की गई थी।
को-ऑर्गेनाइज चेयरमैन डॉ संजय धानुका ने बताया कि सभी वर्कशॉप की खास बात यह रही कि इन्हें थ्योरी बेस्ड रखने के बजाए प्रैक्टिकल आधारित रखा गया। एब्स्ट्रेक्ट कमेटी के को-चेयरमैन डॉ. आनंद सांघी ने बताया कि कार्यशाला के दौरान 600 लोगों को फ्री ट्रेनिंग दी गई। इसमें नर्सेस, पैरामेडिकल स्टाफ, आईसीयू डॉक्टर शामिल है। इसमें नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को क्रिटिकल केयर में काम करने के तरीके, विभिन्न उपकरणों के उपयोग करना और पेशेंट्स का सही तरह से देखभाल करना सिखाया गया।