6 Months Imprisonment For Violation Of Rules:पंचायतों में बिना अनुमति नहीं बन सकेंगे भवन, दुकान

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6 Months Imprisonment For Violation Of Rules:पंचायतों में बिना अनुमति नहीं बन सकेंगे भवन, दुकान

भोपाल: अब ग्राम पंचायत की लिखित मंजूरी के बिना गांव में किसी भी भवन का निर्माण या परिनिर्माण, पुनपरिनिर्माण या संन्निर्माण नहीं हो सकेगा। इसके लिए बाकायदा फीस भी तय की जा रही है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इसके लिए नियमों में परिवर्तन करने जा रही है। बिना अनुमति निर्माण करने वालों को ग्राम पंचायत या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा अभियोजित किया जा सकेगा और दोषसिद्ध होंने पर छह माह के साधारण कारावास या दो हजार रुपए तक के जुर्माने से उसे दंडित किया जा सकेगा।

केवल मिट्टी की दीवार या मिट्टी के गारे या स्थानीय सामग्री से आवासीय प्रयोजन हेतु परिनिर्मित किए जाने वाले 125 वर्गमीटर से कम के निर्मित क्षेत्र वाले मकान की दशा में भवन अधिकारी द्वारा आवेदन के परीक्षण कराए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत भवनों के परिनिर्माण तथा विस्तार पर नियंत्रण नियम 2022 के नियम जारी करने जा रही हे। इसे तीस दिन बाद लागू किया जाएगा। इस पर लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगे गए है जो अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को तीस दिन के भीतर भेजे जा सकते है।

 

*तीस दिन में अनुमति नहीं मिली तो डीम्ड परमीशन-*

यदि ग्राम पंचायत विहित फीस के साथ आवेदन की प्राप्ति के बाद तीस दिन के भीतर भवन निर्माण की अनुमति देने में असफल रहती है तो भूमि की ऐसी श्रेणी पर जैसी की राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित की जाए अनुज्ञा दे दी गई समझी जाएगी। किसी भवन का निर्माण करने या किसी विद्यमान भ्ज्ञवन में कोई परिवर्तन या रुपांतरण करने या किसी भवन का पुनर्निर्माण करने की अनुमति इन नियमों के नियम पांच के अधीन प्रदान की जाएगी।

ऐसे करना होगा आवेदन-किसी भवन का परिनिर्माण, पुनर्परिनिर्माण करने का इच्छुक कोई व्यक्ति यह काम आरंभ करने से पहले पूर्व अनुमति के लिए ग्राम पंचायत को लिखित में आवेदन करेगा और मूल योजना के साथ स्थल योजना, भवन योजना, सर्विस प्लान, विशिष्टियां, पर्यवेक्षण का प्रमाणपत्र तथा स्वामित्व या स्थल के संबंध में किसी वैधानिक अधिकार का प्रमाणपत्र चार प्रतियों में प्रस्तुत करेगा। कोई भी आवेदन तब तक विधिमान्य नहीं माना जाएगा जब तक कि आवेदक ने ग्राम पंचायत को तय फीस न दे दी हो। इसके लिए रसीद की एक प्रमाणित प्रति आवेदन के साथ संलग्न करना होगा। भवन अधिकारी अनुमति जारी करेगा और एक बार दी गई अनुमति एक वर्ष के लिए विधिमान्य रहेगी। बहुमंजिला भ्ज्ञवन के लिए मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम के तहत गठित जिला समिति की अनुमति के साथ ही अनुज्ञा दी जाएगी।

*निरीक्षण-*

ग्राम पंचायत या उसके द्वारा प्रतिनियुक्त कोई अधिकारी या भ्ज्ञवन अधिकारी किसी भी समय किसी भी भवन के परिनिर्माण का निरीक्षण कर सकेगा। आवेदक द्वारा लिखित में भवन निर्माण पूर्ण होंने की सूचना देने के बाद एक माह बाद किसी भी समय लिखित सूचना द्वारा आवेदक से कोई परिवर्तन नहीं कराया जा सकेगा।

इन स्थानों पर अनुमति नहीं-

अस्वास्थ्यकर स्थल, ऐसे स्थान जो सार्वजनिक प्रयोजन के लिए आरक्षित हो तथा वह स्थान जो नदी की बाढ़ आदि से प्रभावित हो।

 

*नियम विरुद्ध निर्माण पर रोक-*

बिना अनुमति या इन नियमों के किसी उपबंध या अनुमोदित योजना तथा शर्तो के उल्लंघन में किए गये किसी निर्माण को ग्राम पंचायत द्वारा रोका जा सकेगा। नियमों का पालन न होंने पर ग्राम पंचायत कार्रवाई के लिए जो खर्च करेगी वह संबंधित व्यक्ति से वसूल किया जा सकेगा।

झोपड़ी का निर्माण भी अनुमति लेकर-

कोई भी व्यक्ति बिना पूर्व सूचना दिए किसी झोपड़ी या किसी शेड या झोपड़ियों या शेडों के खंड या समूह का परिनिर्माण नहीं कर सकेगा।

 

*इतनी फीस-*

कोई भवन जो निवास के लिए उपयोग होगा उसमें 75 वर्ग मीटर तक निर्माण के लिए दो सौ रुपए फीस और 76 से125 वर्गमीटर तक के लिए 350रुपए फीस लगेगी। 2500 वर्गमीटर तक निर्माण पर 15 हजार रुपए फीस होगी और इससे उपर के निर्माण पर 25 हजार रुपए फीस लगेगी। दुकानों भंडार गृह, कारखाने के लिए तय फीस के पचास प्रतिशत तक अतिरिक्त प्रभार के साथ 25 सौ वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्र के लिए चालीस हजार फीस होगी। सिनेमा थियेटर के लिए आठ सौ बैठक क्षमता पर पंद्रह हजार और अधिक पर 25000 फीस होगी। दुकान सह निवास के लिए केवल निवास वाले भवनों से पचास प्रतिशत अतिरिक्त फीस लगेगी। धर्माथ , शैक्षणिक प्रयोजन के भवनों पर दुकान सह निवास की फीस के पचास प्रतिशत फीस देना होगा। बहुमंजिला भवन के लिए दस रुपए प्रति वर्गमीटर तल क्षेत्र की फीस निवास उपयोग वाले भवन पर देना होगा। दुकान के लिए निवास की फीस के सौ प्रतिशत अतिरिक्त प्रभार के साथ देना होगा