Chief Minister Shivraj Singh Chouhan: समाजसेवियों का सम्मान और सेवा भाव का हो मान …

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Chief Minister Shivraj Singh Chouhan

Chief Minister Shivraj Singh Chouhan:          समाजसेवियों का सम्मान और सेवा भाव का हो मान …

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाजसेवियों का जिक्र किया है कि सामाजिक क्षेत्रों में लगातार हमारे कई लोग समाज सेवा के नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। इसमें भोपाल के बीएचईएल से रिटायर्ड कर्मचारी आशुधो लछवानी और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के समनापुर बफर जोन में पदस्थ वन परिक्षेत्र अधिकारी सीता जमरा की चर्चा शिवराज ने की है। ऐसे समाजसेवियों का सम्मान कर सरकार को समाज सेवा के प्रति लोगों को प्रेरित करने का काम लगातार करते रहना चाहिए। और ऐसे उत्कृष्ट सेवाभाव के लिए प्रदेश स्तर पर भी पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री की तर्ज पर सम्मान की सोच अगर सरकार बनाती है तो भी बेहतर प्रयास के तौर पर उसे देखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया है कि भोपाल के बीएचईएल से रिटायर्ड कर्मचारी आशुधो लछवानी, 73 साल की उम्र है। वह हिरदाराम नगर में संत जी की कुटिया के पास ही रहते हैं। सादगी से भरी जीवनशैली, लेकिन इन्होंने कैरियर निर्माण के लिए अनेक नौजवानों का मार्गदर्शन किया। इनके मार्गदर्शन से कई डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी के रूप में आज कई मित्र प्रतिष्ठित संस्थान में सेवाएं दे रहे हैं।लछवानी जी ने 40 सालों से अभावग्रस्त बच्चों के शिक्षण के लिए शिक्षण शुल्क और शिक्षण सामग्री जुटाने का काम किया है। उन्होंने लछवानी जी के कार्य की सराहना की है और आभार जताया है।
दूसरा उदाहरण दिया है एक शासकीय कर्मचारी के सेवाभाव का। जिनकी सेवा में शिवराज को जुनून देखने को मिला है। वह हैं बालाघाट जिले में, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के समनापुर बफर जोन में पदस्थ वन परिक्षेत्र अधिकारी सीता जमरा। जमरा गांव में युवाओं के लिए निशुल्क लाइब्रेरी चला रहे हैं। यह लाइब्रेरी सर्व सुविधा युक्त कमरों में नहीं है, बल्कि वन नाकों और अनुपयोगी कमरों में संचालित हो रही है।हर गांव के आस पास के 25-25 युवा इस लाइब्रेरी में आकर रोज पढ़ते हैं। हर तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें, समाचार पत्र, अर्ध शासकीय विभागों की रिक्तियां संबंधित जानकारी यहां पर उपलब्ध रहती है। मुख्यमंत्री ने सीता जबरा जी को वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के अतिरिक्त युवाओं को शिक्षित करने के इस अभियान के लिए हार्दिक बधाई दी है।
निश्चित तौर पर लछवानी और जमरा के समाज सेवा के अपने तरीके हैं। झाबुआ जिले में “हलमा परंपरा” को “शिवगंगा” के जरिए पुनर्जीवित करने वाले महेश जी का अपना तरीका है। पर समाज सेवा का हर काम समाज को एक नई दिशा देने का काम करता है। समाज में आत्मविश्वास और आत्मबल पैदा करता है कि यदि आमजन ठान ले तो सरकार के बिना भी समाज कल्याण संभव है। युवाओं को उनकी मंजिल तक पहुंचने में मददगार बनना शायद सेवा का उत्कृष्टतम भाव है। अगर व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार भी युवाओं को शिक्षित और समर्थ बनने का काम शुरू कर दे, तब भी बूंद-बूंद से घड़ा भरने की कल्पना साकार हो सकती है। ऐसे समाजसेवियों को भले ही सम्मान की ललक न हो, लेकिन समाज को इनका सम्मान कर अपने कर्तव्य की पूर्ति अवश्य करना चाहिए। ताकि समाज सेवा का यह भावरूपी पौधा समाज में वटवृक्ष बनकर भील समाज की हलमा परंपरा की तरह समाज के सारे संकटों और पीर को हर सके। लछवानी जी और जमरा जी के उत्कृष्ट सेवा भावों का यह समाज और प्रदेश ऋणी है। समाजसेवा के उनके भाव सभी के स्वभाव में समाहित हों, यही चाह है…।