महाकाल मंदिर में 6 मार्च को प्रदोष काल में होगा होलिका दहन

बाबा के भव्य रंगारंग स्वरूप के दर्शन के लिए पहुंचते है सैकड़ो श्रद्धालु

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महाकाल मंदिर में 6 मार्च को प्रदोष काल में होगा होलिका दहन

उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट

उज्जैन । बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग राजाधिराज बाबा महाकाल के दरबार में फाल्गुन पूर्णिमा पर प्रदोषकाल में होलिका के पूजन का विधान है। यहाँ ग्वालियर पंचांग के अनुसार त्योहार मानने की परंपरा है, पंचांग की गणना के अनुसार इस वर्ष 6 मार्च 2023 प्रदोष काल में मंत्रोच्चार के साथ होलिका का दहन किया जाएगा । अगले दिन 7 मार्च 2023 को तड़के 4 बजे भस्म आरती के बाद बाबा को अबीर और हर्बल गुलाल का श्रृंगार कर रंगोत्सव मनाया जाएगा । पुजारी व पुरोहितगण भगवान महाकाल को गुलाल अर्पित करेंगे। इसके बाद भक्तों के साथ भी होली खेली जाएगी। 7 मार्च चैत्र कृष्ण प्रतिपदा धुलेंडी पर्व से बाबा महाकाल का शीतल जल से स्नान का क्रम शुरू होगा ।

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हिंदू धर्म में मनाएं जाने वाले सभी प्रमुख त्योहार परंपरागत रूप में सबसे पहले बाबा महाकाल के मंदिर में मनाऐं जाते हैं। होलिका दहन के दिन संध्या की आरती के बाद मंदिर के पुजारी और उनके परिवार की महिलाएं होलिका की पूजा करते हैं। इसके बाद मंदिर के शासकीय पुजारी द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ होलिका दहन किया जाता है। तड़के होने वाली भस्मार्ती रंगारंग होती है बाबा महाकाल का गुलाल और रंगबिरंगे फूलों से श्रृंगारीत भव्य रूप देखते ही बनता है । मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव अपने सभी गणों के साथ होली खेलते हैं। मंदिर परिसर में रंगों का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। तत्पश्चात ही शहर भर में होलिका उत्सव की शुरुआत होती है । बाबा महाकाल के मंदिर में होली के दिन होने वाले इस रंगारंग भव्य एवम् मनोहारी दर्शन का लाभ लेने लिए देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उज्जैन पहुंचते हैं ।