भोपाल: महिला कर्मचारियों से अश्लील हरकते और अनुचित आचरण करने के आरोप में निलंबित हुए मध्यप्रदेश के आईएफएस अधिकारी मोहनलाल मीणा को आरोप पत्र जारी कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की गई है लेकिन मीणा इसके खिलाफ कोर्ट से स्थगन ले आए है।
विधायक हीरालाल अलावा के सवाल के जवाब में वन मंत्री विजय शाह ने यह जानकारी दी। अलावा के सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि आईएफएस मोहनलाल मीणा को महिलाओं से कार्यस्थल पर अश्लील हरकते और अनुचित आचरण कर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए वन विभाग ने 19 अगस्त 2021 में जांच दल गठित किया था। इस जांच दल में राज्य वन विकास निगम भोपाल में पदस्थ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बिन्दु शर्मा और मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ भोपाल में पदस्थ अर्चना शुक्ला का जांच दल बनाया गया था। जांच दल ने अपना प्रतिवेदन 21 जून 2021 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को प्रस्तुत किया था। पृथम दृष्टया उन्हें महिलाओं के यौन उत्पीड़न का दोषी पाए जाने के बाद निलंबित किया गया था।
जांच प्रतिवेदन आने के बाद मीणा को निलंबित किया गया और उनके खिलाफ अखिल भारतीय सेवाएं नियम के तहत आरोप पत्र जारी किए गए।
वन मंत्री ने बताया कि महिलाओं का कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम में नियोक्ता को रिपोर्ट प्रेषित करने का प्रावधान है। विभाग ने मोहनलाल मीणा के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की है। इस कार्यवाही के विरुद्ध मीणा न्यायालय से स्थगन ले आए है। अलावा ने पूछा था कि मोहनलाल मीणा के विरुद्ध जांच दल की रिपोर्ट कब तक बैतूल के महिला पुलिस थाने या पुलिस अधीक्षक को अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजी जाएगी इस पर मंत्री ने बताया कि कोर्ट के स्टे के कारण यह संभव नहीं है।