भोपाल: प्रदेश सरकार पर पूर्व, मध्य और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनियों की 9354.18 करोड़ रुपए की सब्सिडी बकाया है। विद्युत वितरण कम्पनियां सरकार की तमाम कोशिश के बाद भी घाटे से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। केवल पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ही ऐसा काम कर सकी जो पांच साल के अंतराल में दो साल तक घाटे से बाहर रही। वह पिछले साल फिर घाटे की चपेट में आ गई है। इसके अलावा मध्यक्षेत्र और पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनियां कभी घाटे से उबर नहीं पाई हैं।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के क्षेत्र में आउटसोर्स पर काम करने वाले कर्मचारियों और नियमितिकरण की मांग को लेकर इनके द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को लेकर विधायक सुजीत मेर सिंह ने जानकारी मांगी है। इसके लिखित जवाब में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि इस कम्पनी के क्षेत्र में 5184 कुशल, 4391 अर्द्धकुशल और 4429 अकुशल श्रमिक काम कर रहे हैं जिनकी कुल संख्या 14003 है। इन कर्मचारियों को बोनस न मिलने पर होने वाली दिक्कतों के समाधान की बात भी कही गई है।
मंत्री तोमर ने एक अन्य विधायक निलय डागा के सवाल के जवाब में कहा कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी में कुल 5319 नियमित, 2210 संविदा और 14046 आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितिकरण का कोई प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन नहीं है।
एनटीपीसी और बीएलए यूनिट से खरीदी महंगी बिजली
मंत्री तोमर ने विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में कहा है कि प्रदेश में सबसे महंगी बिजली निजी उत्पादन इकाई से दिसम्बर 2022 में 6.215 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी गई है। यही बिजली सरकारी उपक्रम में एनटीपीसी से 7.458 रुपए प्रति यूनिट भी खरीदी गई है। सबसे सस्ती बिजली निजी कम्पनी के मामले में सासन यूएमपीपी से 1.722 रुपए प्रति यूनिट और सरकारी उपक्रम के मामले में रानी अवन्ति बाई हाइडल पावर स्टेशन बरगी से 0.569 रुपए प्रति यूनिट खरीदी गई है।
ऐसा है साल दर साल विद्युत हानि का चक्र
वितरण कम्पनी 2017-18 2018-19 2019-20 2020-21 2021-22
पूर्व क्षेत्र कम्पनी -2190.46 2896.68 -1571.34 -2754.14 -517.84
मध्य क्षेत्र कम्पनी -2716.79 -3837.52 -1275.15 -1449.74 -257.54
पश्चिम क्षेत्र कम्पनी -157.00 -565.25 929.08 228.55 1789.72