MPHRC : मानव अधिकार आयोग ने 11 मामलों में जिम्मेदार अफसरों से जवाब तलब किया

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मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राजधानी सहित अन्य जिलो के घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से आयोग ने जवाब तलब किया है.

मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश की 11 बड़ी घटनाओं पर जिम्मेदार अफसरों से जवाब मागा है.

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने इन मामलों को संज्ञान में लिया. प्रदेश में बीते दो माह से नर्सिंग होम और अस्पतालों को फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिल रही है. 75 आवेदनों में से 64 पर एनओसी जारी ही नहीं हुई है. मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, सचालनालय, मप्र शासन, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.

घरों के सामने बिजली तार लटकने का मामला : भोपाल शहर के भानपुर क्षेत्र में मित्तल कॉलेज रोड स्थित श्रीराम कॉलोनी के रहवासी घरों के सामने से गुजर रहे बिजली के तारों से परेशान हैं. मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर मुख्य प्रबंध निदेशक, मप्र मध्य क्षेत्र वितरण कंपनी, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.

मनचलों से परेशान युवती : वहीं, रायसेन जिले के मंडीद्वीप के मिर्ची मोहल्ले में रहने वाली दसवीं पढ़ने वाली एक नाबालिग बालिका ने मनचलों के कमेंट्स से परेशान होकर मंडीद्वीप थाने में रिपोर्ट की है. बालिका ने इन मनचलों के कमेंट्स से परेशान होकर घर से निकलना भी छोड़ दिया था. फिर भी मनचलों द्वारा उस पर अश्लील कमेंट कर धमकियां दी जा रहीं थीं. बालिका की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक, रायसेन से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है. वहीं, प्रदेश के श्योपुर में टेक होम राशन बंद हो गया है. ककरदा व भीमलत में पांच कुपोषित बच्चे मिले ममला श्योपुर जिले में कुपोषण का है.

जबलपुर मेडिकल कॉलेज में आग : जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में बीते साल की 5 मार्च को सर्जरी वार्ड में अचानक आग लग गई. हादसे में यहां भर्ती मरीज बाल-बाल बचे. मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर अधीक्षक, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज, जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है. उधर, जिला अस्पताल, झाबुआ में भारी कुप्रबंधन की शिकायत पर आयोग ने कलेक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.